शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

भाजपा का नया फार्मूला 'पांच हजारीÓ को नहीं देंगे टिकट

भोपाल । भाजपा चुनाव नजदीक आने के साथ ही अत्यधिक घबराहट में हैं वह महसूस कर रही है कि उसके खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर काम कर रहा है। विगत दिनों पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के पश्चात कोर कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि पांच हजार से कम मतों से जीतने वाले मंत्री एवं विधायकों को टिकट नहीं दिए जाएंगे। यह फार्मूला अनंत कुमार एवं अरविंद मेनन का है। प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी इस बात से सहमत हैं। उधर सोमवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर ने कहा है कि चुनाव के समय एक-एक सीट पर आकलन करके टिकट बांटेगें। अगर किसी मंत्री, विधायक के हारने की आशंका होगी तो उसके टिकट पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा चुनाव में हर सीट जीतना है, लेकिन उन पर ज्यादा मेहनत होगी, जिसमें पिछली बार हारे थे। इस बार बीते चुनाव से ज्यादा सींटे जीतने का लक्ष्य है। पार्टी के बड़े मठाधीश यह महसूस करने लगे हैं कि मंत्री, विधायक और नेताओं को अब सत्तासुख छोड़कर कार्यकर्ताओं के साथ जनता के बीच ज्यादा समय देना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा का कहना है कि नेता कार्यकर्ताओं के बीच और ज्यादा समय रहें। ये सलाह सभी के लिए है, जो यहां हैं वहां काम करें। बाबूलाल गौर फरमाते हैं कि नेता हमेशा मैदान में नहीं रहता, इसीलिए तो हार जाते हैं, मंत्री तक हार जाते हैं। इसलिए जो लोग चार साल से मैदान में नहीं रहे, उन्हें मैदान में जाने की नसीहत देना जरूरी है। कप्तान सिंह सोलंकी बोले के अच्छी चीज बार-बार दोहरानी पड़ती है, नहीं तो लोग उसे भूल जाते हैं। व्यक्ति आलस्य करता है, काम नहीं करता और दिखावा ज्यादा करता है।

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