शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

भोपाल की चार सीटों पर भाजपा मुश्किल में

भोपाल। विधानसभा चुनावों में अब ज्यादा समय शेष नहीं है लेकिन भाजपा ने भोपाल से एक प्रायवेट कंपनी से अपने स्तर से जिले की सात विधानसभा सीटों का जो सर्वे कराया है। उस सर्वे रिपोर्ट ने भाजपा की नींद उड़ा दी है। जानकारी के अनुसार जिले की सातों विधानसभा सीटों में से चार पर सत्ताधारी दल भाजपा की स्थिति ठीक नहीं है। वर्तमान में भाजपा के पास सात में से छह विधानसभा क्षेत्र पर पार्टी का कब्जा है। एक सीट उत्तर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस के पास है। मगर बीते एक महीने पहले हुए नए सर्वे में भाजपा के पास जो छह सीटें मौजूद है उनमें से भोपाल दक्षिण पश्चिम और बैरसिया विधानसभा सीट को छोड़ कर शेष पर वर्तमान स्थिति में विधायकों की स्थिति खराब है। सर्वे की इस रिपोर्ट से प्रदेश नेतृत्व के प्रमुख नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है। नरेला,भोपाल मध्य,हुजूर और गोविंदपुरा में भाजपा कमजोर कुछ मतदाताओं से बातचीत के आधार पर तैयार इस सर्वे रिपोर्ट में नरेला विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक विश्वास सारंग की स्थिति खराब बताई है। यहां विश्वास सारंग ने कांग्रेस प्रत्यासी सुनील सूद को 3273 के अंतर से हराया था। रिपोर्ट की भनक मिलते ही कांग्रेस ने नरेला में सक्रियता बढ़ा दी है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने गत दिनों कार्यकताओं का सम्मेलन आयोजित कर उन्हें अभी से चुनावी मोर्चा संभालने का निर्देश दिया है। इसी तरह भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की स्थिति खराब बताई गई है यदि वर्तमान में ध्रुवनारायण सिंह को पुन: टिकिट दिया जाता है तो यहां भाजपा को जीतने में पसीने आ सकते है। यहां ध्रुवनारायण ने कांग्रेस के नासिर इस्लाम को 2519 वोट से हराया था। शहला मसूद हत्या काण्ड सहित अन्य अंतर्कलहों को भाजपा के लिए मुसीबत का कारण बताया गया है। इसी तरह हुजूर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक का अंदरूनी तौर पर विरोध सर्वे में आया है और यहां भी भाजपा की हालत पतली बताई जा रही है। बीडीए सीओ की मौत मामले में फंसने के बाद से ही डागा की लोकप्रियता कम होती जा रही है। इस विधानसभा सीट से जितेन्द्र डागा ने निर्दलीय भगवान दास सबनानी 16980 मतों से मात दी थी। जहां तक गोविंदपुरा की बात है तो यहां अभी तक अजेय रहे बाबूलाल गौर द्वारा क्षेत्र की लगातार उपेक्षा के कारण जनता में असंतोष फैल रहा है। लेकिन यहां भाजपा के खिलाफ दमदार प्रत्याशी नहीं मिल रहा है। इससे पार्टी थोड़ी राहत महशुस कर रही है। गोविंदपुरा विधानसभा सीट से 8वीं बार अविजित रहते हुए बाबूलाल गौर ने कांग्रेस की विभा पटेल को 33754 वोट से हराया था। उमाशंकर और रत्नाकर कर स्थिति बेहतर भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर भाजपा की स्थिति बेहतर है। इस विधानसभा सीट पर गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बसपा के संजीव सक्सेना को 26002 मतों से हराया था। सक्सेना अब कांग्रेस में आ गए हैं। लेकिन कार्यकर्ताओं के दम पर राजनीति करने वाले उमाशंकर गुप्ता ने क्षेत्र में अपना जलवा कायम रखा है। इसी प्रकार बैरसिया (अजा)विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा की स्थिति अच्छी है। पिछली बार भाजपा के ब्रह्मानंद रत्नाकर ने कांग्रेस के हीरालाल यादव 23076 मतों से हराया था। कांग्रेस गढ़ में कमजोर कांग्रेस का गढ़ रहे भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर कांग्रेस दिन पर दिन कमजोर होती जा रही है। यहां पर भाजपा के आलोक शर्मा को कांग्रेस के आरिफ अकील ने 4026 मतों से पटखनी दी है। लेकिन हार के बावजुद आलोक शर्मा ने अपनी सक्रियता जारी रखी। क्षेत्र में विभिन्न आयोजनों के माध्यम से हर घर में उनकी दस्तक देने की नीति ने भाजपा को मजबूती प्रदान की है। क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता भी अकील के खिलाफ हैं। प्रत्याशियों के बदले जाने की अटकलें सर्वे रिपोर्ट के बाद जिले की चार विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी बदले जाने की अटकलें है। सूत्रों का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के पास पहुंच गई है। अब आने वाले समय में इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर भाजपा के चार विधायकों का भविष्य टिका हुआ है।

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