शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

प्रदेश में चुनावी तैयारी में जनरेशन नेक्स्ट

विनोद उपाध्याय भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही सियासी घरानों ने अपने वारिसों को के लिए मैदान तलाशना शुरू कर दिया है। दिग्विजय सिंह ने बेटे की राजनीतिक शुरुआत जमीनी स्तर से कर कई नेताओं को राह दिखा दी है। संभव है कि चुनाव से पहले कई नेता पुत्र प्रदेश में पैदल यात्रा या रैलियां करते नजर आएं। वैसे जयवर्धन ने जमीनी काम की शुरुआत काफी पहले ही कर दी थी। माना जा रहा है कि प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव इसी जनरेशन नेक्स्ट के नाम पर होगा। जयवर्धन सिंह, 24 वर्ष, दिग्विजय सिंह के वारिस कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह अपने पिता की परंपरागत विधानसभा सीट राघोगढ़ से चुनाव लडऩे की तैयारी में है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल ऐंड पब्लिक अफेयर से एमबीए कर रहे हैं। इससे पहले मुंबई में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत थे। लोकप्रियता के लिए गृह क्षेत्र राघोगढ़ और राजगढ़ में बेसहारा बच्चों के लिए शिशु सदन स्कूल खुलवाए। राघोगढ़ से 21 दिसंबर को 150 किमी की सात दिन की पदयात्रा शुरू कर सक्रिय राजनीति में कदम रखा। राजगढ़ के जिला कांग्रेस अध्यक्ष रामचंद्र डांगी कहते हैं, जयवर्धन हमारे जिले में नए नहीं हैं। सही भी है, क्योंकि पिछले दो साल से वे राजगढ़ और राघोगढ़ में बेसहारा बच्चों को स्कूली शिक्षा देने के लिए प्रगति मानव सेवा नाम के एनजीओ की मदद से शिशु सदन स्कूल का संचालन कर रहे हैं। अक्षय राजे भंसाली, 26 वर्ष, यशोधरा राजे सिंधिया के वारिस ग्वालियर की भाजपा सांसद यशोधरा राजे सिंधिया के बेटे अक्षयराजे भंसाली का नाम प्रदेश की राजनीति में उस वक्त सुर्खियों में आया था जब पांच साल पहले लोकसभा चुनाव में अपनी मां के प्रचार के लिए वे न्यूयॉर्क से खासतौर से यहां आए थे। एमटीवी चैनल में प्रोड्यसर और लेखक भंसाली के साथ भाषा की दिक्कत जरूर रही लेकिन इसे उन्होंने अपनी राजनीतिक सक्रियता में बाधा नहीं बनने दिया। यशोधरा राजे के समर्थक और ग्वालियर मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष अनुराग बंसल कहते हैं, पिछले दिनों शिवपुरी के नगरपालिका चुनाव में अक्षय ने पार्टी प्रत्याशी सीता आस्थाना के समर्थन में प्रचार किया था, और हमेशा की तरह अपनी सहजता से कार्यकर्ताओं का दिल जीत लिया। कैप्टन मंदार महाजन, 40 वर्ष, सुमित्रा महाजन के वारिस इंदौर से सात बार सांसद रह चुकीं भाजपा की सुमित्रा महाजन (ताई) के बेटे मंदार महाजन वैसे तो मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब में फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं लेकिन पिछले दस साल से राजनैतिक तौर पर भी खासे सक्रिय हैं। पिछले दो विधानसभा चुनावों में वे दावेदार के तौर पर उभरे हैं। संभावना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इंदौर की एक सीट उनके दावे में शामिल होगी। ताई के बड़े बेटे और आइटी कंपनी मिराश इंफोटिक्स के मालिक मिलिंद अपनी मां के थिंक टैंक के तौर पर जाने जाते हैं। सूत्रों की मानें तो अगर सुमित्रा महाजन 2014 का चुनाव नहीं लड़ती हैं तो उनकी ओर से इस सीट के प्रमुख दावेदार मिलिंद ही होंगे। 40 वर्षीय मंदार और 47 वर्षीय मिलिंद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से हैं। अपने बेटों के बारे में सुमित्रा महाजन की स्पष्ट राय है,उनमें काबिलियत है तो मौका जरूर मिलना चाहिए। देवेंद्र प्रताप तोमर मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र प्रताप उर्फ रामो अपने पिता की परंपरागत विधानसभा सीट ग्वालियर से चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं। यहां से खुद नरेंद्र सिंह तोमर दो बार विधायक रह चुके है। वर्तमान में यहां से कांग्रेस के प्रद्युमन सिंह तोमर विधायक है। लेकिन तोमर के प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही अभी इनकी उम्मीदों पर विराम-सा लग गया है। क्योंकि तोमर अभी कोई रिस्क उठाना नहीं चाहते। आकाश विजयवर्गीय उद्योग मंत्री विजयवर्गीय के पुत्र अपने पिता की परंपरागत इंदौर-2 नंबर सीट से चुनाव लडऩे की तैयारी में हैं। 2008 में विजयवर्गीय के महू से चुनाव लडऩे के कारण इंदौर-2 से उनके विश्वस्त रमेश मेंदोला चुनाव जीते थे। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस बार मेंदोला को इंदौर-3 नंबर सीट से लगातार चुनाव जीतते आ रहे कांग्रेस विधायक अश्विन जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ाए जाने की रणनीति पर विचार चल रहा है। इससे आकाश के इंदौर-2 नंबर सीट से चुनाव लडऩे का रास्ता भी साफ हो जाएगा। अभिषेक भार्गव पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक प्रदेश भाजयुमो में मंत्री पद पर सक्रिय हैं और बुंदेलखंड की देवरी, सागर और बंडा क्षेत्र में जमीन तलाशने में जुटे हैं। इसमें उनके पिता और समर्थकों का बराबर सहयोग मिल रहा है। सिद्धार्थ मलैया मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ भाजयुमो की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर सक्रिय हैं। क्षेत्र के युवाओं में उनकी अच्छी पैठ है। जयंत मलैया सिद्धार्थ को दमोह या सागर से चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। नकुल नाथ, 37 वर्ष, कमलनाथ के वारिस बोस्टन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर चुके नकुल एविएशन क्षेत्र के स्पान ग्रुप और कई शैक्षणिक संस्थानों की कंपनियों का संचालन कर रहे हैं। वे पिता के निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा में भी खासे सक्रिय हैं। चर्चा में जनवरी 2008 में उस वक्त आए जब भोपाल में उन्हें आधिकारिक तौर पर लांच किया गया। लाइफ स्टाइल पूरी तरह हाइटेक। ब्लेक बैरी और आइपैड का इस्तेमाल करते हैं। मृदुभाषी और मिलनसार माने जाते हैं। कमलनाथ के नजदीकी लक्ष्मण ढोली कहते हैं, नकुल हर कार्यकर्ता का ध्यान रखते हैं। जहां कमलनाथ जी चुनाव प्रचार में नहीं पहुंच पाते वहां वे मौजूदगी दर्ज करवाते हैं। विक्रांत भूरिया, कांतिलाल भूरिया के वारिश कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तर्ज पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया भी अपने डॉक्टर बेटे विक्रांत भूरिया को राजनीति में लांच कर दिया है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भूरिया के स्थान पर विक्रांत चुनाव लड़ सकते हैं। दरअसल भूरिया ने पिछले दिनों जयपुर में हुए चिंतन शिविर में कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सुझाए गए फार्मूले के मद्देनजर इसी चुनाव से बेटे को लांच करने का मन बना लिया है। डॉ. विक्रांत छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं और वे जूडा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि वे अगला विधानसभा चुनाव अपने पिता के संसदीय क्षेत्र की थांदला विधानसभा सीट से लड़ेंगे। यहां से भूरिया भी विधायक रह चुके हैं। राजनीति में कदम रखने कई नेताओं के रिश्तेदार बेकरार केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया का भतीजा आशीष भूरिया, सांसद सज्जन सिंह वर्मा का भतीजा रिंकू वर्मा, सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी का बेटा नितिन चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री महेश जोशी का बेटा पिंटू जोशी, पूर्व मंत्री स्व. लिखीराम कांवरे की बेटी सुश्री हिना कांवरे लोकसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही हैं, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के नाती विवेक तिवारी बाबला विधान सभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। दर्जनों विधायक और सांसदों के बेटा और बेटी राजनीति में अपना कॅरियर अजमाने को तत्पर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा के दत्तक पुत्र सुरेन्द्र पटवा भोजपुर से विधायक कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी हाटपिपल्यिा से विधायक पूर्व मुख्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार सखलेचा के बेटे ओमप्रकाश सखलेचा जावद से विधायक वरिष्ठ मंत्री बाबूलाल गौर की पुत्रवधु कृष्णा गौर भोपाल की महापौर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के पुत्र धु्रवनारायण सिंह भोपाल मध्य से विधायक हैं। स्व. दिलीप भटेरे बेटे रमेश भटेरे लंाजी से विधायक नरेश गुप्ता की पुत्रवधु समीक्षा गुप्ता ग्वालियर की महापौर हैं। महिला बाल विकास मंत्री रंजना बघेल के पति मुकाम सिंह किराड़े को कुक्षी से विधायक हैं। सोनकच्छ से पूर्व सांसद फूलचंद वर्मा के बेटे राजेन्द्र को टिकट दिया गया था, वो चुनाव जीतने के बाद एमएलए बन गये। पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की पत्नी नीना वर्मा धार से विधायक हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के अनुज राम प्यारे मंडला से विधायक हैं। लोक स्वास्थ्य मंत्री गौरीशंकर बिसेन की पत्नी रेखा बिसेन बालाघाट जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं। आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह की पत्नी भावना शाह खंडवा में महापौर हैं। पूर्व मंत्री किशोरीलाल वर्मा के बेटे देवेन्द्र खंडवा से विधायक हैं। पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह गौंड की धर्मपत्नी मालिनी इंदौर से विधायक हैं। भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश सारंग के बेटे विश्वास सारंग नरेला से विधायक हैं पूर्व विधायक डॉ. पंचूलाल प्रजापति की पत्नी श्रीमती पन्नी बाई प्रजापति मनगवां से विधायक हैं। पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पुत्र सुन्दरलाल तिवारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं, सांसद भी रह चुके हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह राहुल नेता प्रतिपक्ष है। वहीं विधायक गिरीश गौतम के पुत्र राहुल गौतम जिला पंचायत के उपाध्यक्ष हंै। विधायक नागेन्द्र सिंह के पुत्र सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ अपनी पत्नी अलकानाथ को सांसद बना चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष स्व.जमुना देवी के भतीजे उमंग ंिसंघार को विधायक बनने का मौका मिला स्व. माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया केन्द्रीय मंत्री हैं। पूर्व मंत्री महेश जोशी की विरासत इंदौर में उनके भतीजे अश्विनी जोशी संभाल रहे हैं। पूर्व मंत्री सत्येन्द्र पाठक की पत्नी महापौर है और बेटा संजय विधायक है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें