शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

दिग्गजों की अनुशंसा में फंसी जिलाध्यक्षों की सूची तोमर दो माह बाद भी नहीं कर सके 12 जिलों में अध्यक्ष का चयन भोपाल। नीमच, इंदौर नगर, उज्जैन नगर, शाजापुर, ग्वालियर नगर और ग्वालियर ग्रामीण, धार, शिवपुरी, अशोक नगर, दमोह, शहडोल और खरगोन भाजपा जिलाध्यक्षों की नियुक्ति दिग्गजों की अनुशंसा में अटक कर रह गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को पद संभाले करीब दो माह का समय बीत गया है लेकिन वे अभी तक 12 जिलाध्यक्षों का चयन नहीं कर सके। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पार्टी के दिग्गज नेताओं के हस्तक्षेप के कारण प्रदेश संगठन भी अब तक इन जिलों में नियुक्ति के लिए सर्वसम्मति नहीं बना पाया। तोमर को सबसे अधिक शिवपुरी,ग्वालियर नगर और ग्वालियर ग्रामीण,खरगोन और दमोह जिलाध्यक्ष नियुक्त करने दिक्कत आ रही है। शिवपुरी शिवपुरी जिलाध्यक्ष की बात करें तो रणवीर रावत का नाम लगभग तय माना जा रहा है। नरेन्द्र सिंह तोमर व प्रभात झा रणवीर रावत के पक्ष में है लेकिन वहीं दूसरी ओर ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा रणवीर रावत का विरोध दर्ज किए जाने के कारण फायनल किसी नाम की घोषणा लटक गई। रणवीर का विरोध करने वाले जैन ब्रदर्स यानि की कोलारस विधायक देवेन्द्र जैन व उनके अनुज जितेन्द्र जैन गोटू दिल्ली से लेकर भोपाल तक अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर चुके है। इसी तरह ग्वालियर सांसद यशोधरा राजे सिंधिया भी रणवीर का नाम रूकवाने के लिए दम से लगी हुई हैं। यशोधरा के स्थानीय समर्थक कई पार्टी नेता भी पूरा जोर लगा रहे हैं कि जिलाध्यक्ष की ताजपोशी से रणवीर को रोका जाए। वहीं दूसरी ओर नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रभात झा का हाथ रणवीर के साथ होने के कारण उनका नाम इस पद पर फायनल माना जा रहा है। खरगोन खरगोन जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष की दौड़ में वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र यादव,भाजपा के सहकारी नेता रणजीतसिंह डंडीर तथा किसान नेता भगवानसिंह गिन्नारे भी शामिल है। भाजपा सूत्रों के अनुसार एक या दो दिन में भाजपा जिलाध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। सूत्रों की मानें तो भाजपा जिलाध्यक्ष की दौड़ में नंबर वन पर भाजपा के सहकारी नेता रणजीतसिंह डंडीर है। अगर जिले के पॉवरफुल खरगोन विधायक बालकृष्ण पाटीदार की चली तो राजेन्द्र यादव पुन: भाजपा जिलाध्यक्ष का ताज पहन सकते हैं। वहीं किसान नेता भगवानसिंह गिन्नारे भी संगठन में जिलाध्यक्ष का पद पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। ग्वालियर नगर शीर्ष संगठन ने जिलाध्यक्ष नियुक्ति का जिम्मा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं स्थानीय सांसद यशोधरा राजे सिंधिया को दे दिया है। सांसद से जुड़े जानकारों का कहना है कि वह अभय चौधरी तीसरी बार जिले की कमान सौंपने के मूड में नहीं है। उनकी पसंद पूर्व महापौर विवेक शेजवलकर है। इसके अलावा जीडीए उपाध्यक्ष राकेश जादौन को भी वह मौका दे सकती है। ग्वालियर जिलाध्यक्ष पद को लेकर चल रही रस्साकशी के फाइनल राउण्ड में एक दर्जन नामों में से केवल अभय चौधरी, विवेक शेजवलकर व राकेश जादौन के नाम बचे हैं, जिनमें से एक पर मोहर लगनी है। इसके लिए सांसद यशोधरा राजे को प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा व संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों ने पूर्ण रुप से आश्वस्त कर कमान सौंप दी हैं। जिसका मुख्य कारण आने वाले चुनाव परिणाम को लेकर चौंकन्ना होना है। ग्वालियर ग्रामीण जिला ग्रामीण अध्यक्ष का चुनाव धीरे-धीरे डबरा वनाम ग्वालियर होता जा रहा है । वर्तमान जिला ग्रामीण अध्यक्ष भारत सिंह कुशवाह की जातिगत स्थिति जिले में काफी मजबूत है।भाजपा में ग्वालियर जिले में तीन धड़ स्पष्ट नजर आ रहे हैं। डबरा की ओर से बंटी गौतम,बज्जरसिंह और कौशल शर्मा तीनों ही उम्मीदवार है। दमोह दमोह जिला अध्यक्ष के लिए पूर्व जिलाध्यक्ष बिहारी लाल गौतम विजय सिंह राजपूत, देवनारायण श्रीवास्तव, रमन खत्री और किशोर अग्रवाल भी प्रमुख दावेदार थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ गौतम के पक्ष में है, वहीं मलैया राजपूत के पक्ष में बताए जाते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय चुनाव प्रभारी सांसद थावरचंद गहलोत के गृह जिले शाजापुर में भी भाजपा नेताओं की आपसी गुटबाजी के कारण जिलाध्यक्ष की घोषणा का मामला लटका पड़ा है । इनका कहना है शेष जिलाध्यक्षों की घोषणा शीघ्र कर दी जाएगी और जहां जिला कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है, उनमें फरवरी तक कार्यकारिणी का गठन कर लिया जाएगा। इसका निर्देश जिलाध्यक्षों को दे दिया गया है नरेंद्र सिंह तोमर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

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