शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

145 सीटों के लिए कांगे्रस पास प्रत्याशी नहीं

टिकट की टाइमिंग पर कांग्रेस में बढ़ी सरगर्मी में सामने आई हकीकत भोपाल। प्रदेश के पांच नगर पालिका चुनाव के नतीजों से कांग्रेस के नेता फूले नहीं समा रहे। कांग्रेस के छोटे-बड़े सभी नेता ऐसे उछल रहे हैं जैसे विधानसभा में बहुमत मिल गया हो। लेकिन हकीकत यह है की कांग्रेस के पास 145 विधानसभा सीटों के लिए ऐसे प्रत्याशी नहीं हैं जो अपने विपक्षी को चुनाव में टक्कर दे सके। ऐन चुनावी वर्ष में सामने आई इस हकीकत ने कांग्रेस हाईकमान और रणनीतिकारों की बेचैनी बढ़ा दी है। एक तरफ कांग्रेस विधानसभा चुनाव के छह महीने पहले ही उम्मीदवार घोषित करने का फार्मूला लागू करने के प्रयास पर विचार कर रही है,वहीं दूसरी तरफ रिपोर्ट यह है कि प्रदेश में 85 विधानसभा सीटें ही ऐसी हैं जहां पार्टी अगर उम्मीदवार खड़ा करती है तो उसकी स्थिति बेहतर रहेगी,जबकि 145 सीटें ऐसी हैं जहां टिकट के लिए नेताओं में घमासान बेकाबू हो सकता है। निर्विवाद सीटें 40-50 ही जानकार सूत्रों का कहना है कि समय पूर्व वही उम्मीदवार तय हो सकते हैं, जिनका दावा निर्विवाद है। ऐसी सीटें मप्र में बमुश्किल चालीस-पचास ही हैं। शेष पौने दो सौ सीटों पर टिकट के लिए कांग्रेस में घमासान के हालात बनना तय हैं। लिहाजा इस फार्मूले को लेकर कई नेता अनमने भी हैं। उनका दबी जुबान मानना है कि एकाधिक दावेदार वाली सीटों पर जिसे उम्मीदवार घोषित किया जाएगा,उसके खिलाफ तीन चार महीने में विरोधी गुट परेशानियां भी खड़ा कर सकता है। एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि टिकट वितरण पंद्रह बीस दिन पहले ज्यादा सटीक रह सकता है। अथवा पार्टी खामोशी से किसी एक नेता को टिकट देने का संकेत दे दे ताकि वह तैयारियों में जुटा रहे। वहीं एक वर्ग मान रहा है कि जल्द टिकट देने से नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं की पहचान में आसानी होगी और उन पर कार्रवाई कराई जा सकती है। उम्मीदवारों की खोज शुरू कांग्रेस ने उम्मीदवारों की तलाश अपने स्तर पर शुरू कर दी है। लेकिन यह बहुत प्राथमिक प्रक्रिया है। हाइकमान ने उत्तराखंड के पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय को हाल में मप्र के भोपाल समेत कुछ संभागों के हालात की जानकारी जुटाने भेजा था। इस दौरान वे कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके तमाम जरूरी फीडबैक ले गए हैं। हालांकि जाहिर तौर पर वे लोकसभा उम्मीदवारों की संभावना तलाशने भेजे गये थे, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसी दौरान उन्होंने विधानसभा सीटों का गणित भी पूरी दिलचस्पी से समझा है। तीन दर्जन सीट युवा कांग्रेस के लिए बताया जाता है कि प्रदेश में इस बार विधानसभा चुनाव में युवा कांग्रेस को लगभग तीन दर्जन सीटों से चुनाव लड़ाने की योजना है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह प्रदेश में अधिक से अधिक युवाओं को मौका देने की सिफारिश सोनिया और राहुल गांधी से कर चुके हैं। दिग्विजय की सिफारिश पर राहुल गांधी ने युंका नेताओं को आजमाने का फार्मूला यह कहकर बनाया है कि युवा हारता भी है तो वह बाकी पांच साल क्षेत्र में सक्रिय रहता है, उम्रदराज ऐसा नहीं कर पाता। गांधी ने गत माह युंका पदाधिकारियों की बैठक में टिकट का आश्वासन दिया है। अधिकार पदयात्रा पर युकां युंका हाईकमान अगले माह से मप्र में अपने उम्मीदवारों के लिए सर्वे शुरू करने जा रहा है। इसको देखते हुए युकां नेताओं ने अपनी सरगर्मी बढ़ा दी है। आधार कार्ड के लाभ बताने और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए युवक कांग्रेस की अधिकार पद यात्रा बनखेड़ी ब्लॉक के मालनवाड़ा से शुरू हुई। युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव सातव, प्रदेश अध्यक्ष प्रियव्रत सिंह, प्रदेश प्रभारी सैय्यद हजमत उल्ला खां की उपस्थिति में शरू हुई अधिकार पदयात्रा में हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए। पदयात्रा हर ब्लॉक में तीन-तीन दिन भ्रमण करेगी।

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