शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

विदिशा में तय होगा भूरिया-अजय का कद संभागीय बैठक की रिपोर्ट पर आलाकमान तैयार करेगा आगामी रणनीति कांग्रेस के सभी मोर्चा-प्रकोष्ट जुटे तैयाारी में भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस किस हद तक तैयार है इसका नजारा 17 फरवरी को विदिशा में होने वाले संभागीय सम्मेलन में दिखाई देगा। इस संभागीय बैठक में सभी दिग्गज नेताओं के आने की संभावना है। नेताओं की मौजुदगी,पदाधिकारियों की सादगी और कार्यकर्ताओं की भीड़ कांग्रेस की चुनावी तैयारियों की हकीकत तो बयां करेंगे ही साथ ही प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के कद को भी तय करेंगे। आलाकमान इस बैठक की रिपोर्ट के बाद आगामी चुनावी रणनीति तैयार करेगा। दो लाख कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य राजधानी से महज 85 किलोमीटर दूर विदिशा में 17 फरवरी को होने जा रहे कांग्रेस के महासम्मेलन में दो लाख कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को जुटाने की कवायद चल रही है। इसमें विदिशा के आसपास स्थित भोपाल, रायसेन, राजगढ़ एवं सीहोर के कांग्रेसियों को बुलाया गया है। पार्टी के सभी मोर्चा-प्रकोष्ट के नेता तैयारी में जुट गए हैं। संभाग के जिलों,ब्लाक और वार्ड स्तर पर बैठकें चल रही हैं। कौमी एकता प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष मुश्ताक मलिक ने बताया कि प्रकोष्ट द्वारा सम्मेलन को सफल बनाने के लिए जारदार तैयारियां चल रही है। रीवा और सागर के बाद पार्टी का तीसरा महासम्मेलन कांग्रेस ने मिशन-2013 को फतह करने और भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता के बीच ले जाने के लिए रीवा और सागर में दो महाअभियान किया है लेकिन वहां अपेक्षित सफलता नहीं मिली। कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि विदिशा में होने वाला तीसरा संभागीय महासम्मलेन पार्टी की दिशा और दशा तय करेगा। अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पर नजर इस महासम्मेलन की सफलता या विफलता की रिपोर्ट पर प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कद तय होना है। बताया जाता है कि अगर यह महासम्मेलन सफल हुआ तो प्रदेश की चुनावी कमान इन दोनों को दे दी जाएगी। साथ ही यह सम्मेलन पूर्व मंत्री एवं विधान सभा के उपाध्यक्ष हरवंशसिंह के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि महासम्मेलन संचालन समिति का अध्यक्ष होने के नाते इसकी सफलता की जिम्मेदारी उन पर है। भूरिया उवाच मिशन-2013 की सफलता और पार्टी की मजबूती के लिए सख्त फैसले लेने और कड़े कदम उठाने के लिए हाई कमान ने अपनी ओर से अनुमति दे दी है। विदिशा का महासम्मेलन कई अर्थ में अधिक महत्वपूर्ण है। यहां के संभागीय महासम्मेलन का राजनीतिक संदेश बहुत दूर तक जाएगा और इसकी सफलता 2013 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की पुन: सत्ता में वापसी सुनिश्चित करेगी। प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में विधान सभा चुनाव को लेकर जो उत्साह है उसके बल पर यह सुनिश्चित है कि अगले विधान सभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। जनता भी सत्ता परिवर्तन के लिए मन बना चुकी है। मंत्रियों और विधायकों का भविष्य तय करेगा महाजनसंपर्क राज्य में सत्ता की हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रही भाजपा का चुनावी लिहाज से 25 फरवरी से शुरू होने वाला 25 दिनी महाजनसंपर्क अभियान काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल, 20 मार्च को खत्म होने वाले इस अभियान की 23 और 24 मार्च को भोपाल में समीक्षा की जाएगी। दरअसल यह उपक्रम इसलिए किया जा रहा है कि इस बहाने सत्ता और संगठन की जमीन तलाशी जा सके। चंूकि नगर, ग्राम केन्द्र तक चलने वाले इस अभियान का जिम्मा सांसदों और विधायकों पर ही होगा, इसलिए फीडबैक के आधार पर लगभग यह तय हो जाएगा कि कितने विधायकों को दोबारा विधानसभा चुनाव का टिकट दिया जाना है और कितने ऐसे सांसद हैं, जो विस चुनाव लडऩे के लिए फिट हैं। प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की ताजपोशी के बाद उनकी अगुवाई में होने वाला यह पहला बड़ा कार्यक्रम है। इस अभियान के बाद पार्टी लगातार कार्यंक्रम आयोजित करेगी, जबकि मुख्यमंत्री सितंबर और अक्टूबर में हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर जमीनी हकीकत जानेंगे। बताया जाता है कि नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सरकार और पार्टी अलग-अलग स्त्रोंतो से सांसद, विधायक समेत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का फीडबैक जुटा रही है। इसके लिए फीडबैक जहां गोपनीय रिपोर्ट कार्ड तैयार कराया जा रहा है, वहीं कार्यकर्ताओं के अलावा पार्टी के कार्यक्रमों के जरिए भी क्षेत्रीय स्तर पर फीडबैक लिया जा रहा है। इसी तहर जिला अध्यक्ष, संभागीय और जिला संगठन मंत्री भी विधायकों के परफॉरमेंस पर पैनी नजर रखे हुए हैं।

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