गुरुवार, 14 मार्च 2013

चुनावी वर्ष में कांग्रेस को नए जिलाध्यक्षों की तलाश

भोपाल। जयपुर चिंतन शिविर में प्रदेशाध्यक्ष, उपाध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के चुनाव नहीं लड़ाने पर बनी सैद्धान्तिक सहमति कांग्रेस के गले की फांस बनती नजर आ रही है। खास कर मप्र मेें तो स्थिति इतनी विकट है कि यहां दर्जन भर जिलाध्यक्ष विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी उन जिलों में नए जिलाध्यक्ष की तलाश कर रही है। बताया जाता है कि दर्जन भर जिलाध्यक्षों के साथ करीब दो दर्जन पदाधिकारी इस बार चुनाव लडऩे की पूरी तैयारी में हैं। ऐसे में अगर जयपुर चिंतन के मसौदे में बदलाव नहीं किया जाता है तो इस चुनावी वर्ष में प्रदेश के कई जिलों में पार्टी को नए जिलाध्यक्ष नियुक्त करने पड़ेंगे। पार्टी ने इसकी खोजबीन भी शुरू कर दी है। क्योंकि इनमें से कई जिलाध्यक्षों की दावेदारी न केवल जायज है, बल्कि वे जीतने की माद्दा रखते है। ये जिलाध्यक्ष हैं विधानसभा की सीट के दावेदार पीसी शर्मा (भोपाल शहर)- प्रमोद टंडन(इंदौर शहर)-इंदौर क्रमांक-5 बालमुकुंद गौतम(धार)- धार विधानसभा अंतर सिंह दरबार(इंदौर ग्रामीण)-महू विधानसभा क्षेत्र श्याम होलानी( देवास ग्रामीण के अध्यक्ष- बागली विधानसभा क्षेत्र प्रदीप जायसवाल(बालाघाट जिलाध्यक्ष )-वर्तमान में विधायक नित्यनिरंजन खम्परिया(जबलपुर ग्रामीण)- स्थान तय नहीं नरेश सर्राफ (जबलपुर शहर अध्यक्ष )-स्थान तय नहीं मकसूद अहमद(सतना शहर अध्यक्ष)-सतना विधानसभा क्षेत्र दिलीप मिश्रा (सतना ग्रामीण अध्यक्ष)-अमरपाटन विधानसभा वृदां प्रसाद(रीवा ग्रामीण )-मनगवां विधानसभा क्षेत्र राकेश कटारे (शहडोल जिलाध्यक्ष)- शहडोल से विधानसभा मनोज दुबे (छतरपुर जिलाध्यक्ष)-स्थान तय नहीं रामसिंह यादव()-कोलारस विधानसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक प्रदेश पदाधिकारी उपाध्यक्षों में विधायक तुलसी सिलावट, बिसाहुलाल सिंह, आरिफ अकील, अरूणोदय चौबे (ये सभी वर्तमान में विधायक भी है),घनश्याम पाटीदार, महामंत्री बाला बच्चन, प्रभुराम चौधरी, निशीथ पटेल, संजय पाठक, सुखदेव पांसे(ये सभी विधायक), रवि जोशी, सुनील सूद और सत्यदेव कटारे, सचिवों में स्वदेश जैन, नासिर इस्लाम, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, जोधाराम गूर्जर,कौशिल्या गोटिया और पुष्पा चौहान। ये सभी दावेदार संगठन का पद छोडऩे को तैयार हंै, बशर्ते उन्हें टिकट मिलने की गारंटी हाईकमान द्वारा मिल जाए। प्रत्यासियों की खोज शुरू कांग्रेस ने उम्मीदवारों की तलाश अपने स्तर पर शुरू कर दी है। लेकिन यह बहुत प्राथमिक प्रक्रिया है। हाइकमान ने उत्तराखंड के पूर्व मंत्री किशोर उपाध्याय को भोपाल समेत कुछ संभागों के हालात की जानकारी जुटाने भेजा था। इस दौरान वे कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं से मुलाकात करके तमाम जरूरी फीडबैक ले गए। हालांकि जाहिर तौर पर वे लोकसभा उम्मीदवारों की संभावना तलाशने भेजे गये थे, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसी दौरान उन्होंने विधानसभा सीटों का गणित भी पूरी दिलचस्पी से समझा है। इस बार चुनाव में युवा कांग्रेस को लगभग 25 से 30 सीटों से चुनाव लड़ाने की योजना से भी कांग्रेस नेता बेचैन हैं। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने युंका नेताओं को आजमाने का फार्मूला यह कहकर बनाया है कि युवा हारता भी है तो वह बाकी पांच साल क्षेत्र में सक्रिय रहता है, उम्रदराज ऐसा नहीं कर पाता। इनका कहना है जयपुर चिंतन शिविर में जो प्रस्ताव पारित किया गया है उसके अनुसार कार्य किया जाएगा। अभी इसके लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। प्रदेश की एक-एक रिपोर्ट केन्द्रीय नेतृत्व के पास है। विधानसभा चुनाव में जीतने वाले को टिकट देना पार्टी की प्राथमिकता होगी। कांतिलाल भूरिया प्रदेशाध्यक्ष,मप्र कांग्रेस

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