गुरुवार, 14 मार्च 2013

ज्योतिरादित्य पर मिशन का दारोमदार

भोपाल। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी राहुल गांधी के संभालने के बाद से उनकी युवा ब्रिगेड के साथी केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता ग्वालियर-चंबल संभाग के बाहर तेजी से बढ़ रही है। उनकी इस सक्रियता के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं और बताया जा रहा है कि कांग्रेस के मिशन 2013 फतह का पूरा दारोमदार सिंधिया के कंधे पर ही होगा। राहुल आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हर कीमत पर चाहते हैं। इसके लिए वे तमाम नेताओं को गुटबाजी भुलाकर काम करने के निर्देश भी दे चुके हैं। पार्टी की रणनीति के मुताबिक सक्रिय हैं सिंधिया लंबे अरसे से सिंधिया को पार्टी की ओर से राज्य की कमान सौंपे जाने की चर्चा सियासी गलियारे में है। पार्टी सूत्रों पर भरोसा करें तो सिंधिया पर पार्टी दांव लगाने को तैयार है। यह बात अलग है कि चुनाव से पूर्व पार्टी मुख्यमंत्री का उम्मीदवार किसी को घोषित नहीं करने वाली है। पार्टी की रणनीति के मुताबिक सिंधिया राज्य के कई हिस्सों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के विस्तार के नाम पर दौरा करेंगे। मालवा निमाड़ दौरे से इसकी शुरुआत भी कर चुके हैं। सिंधिया पर दांव लगाने की वजह भी हैं। सिंधिया किसी तरह के विवाद में नहीं हैं। युवा व उर्जावान हैं। अपनी बात साफगोई से रखते हैं। इतना ही नहीं उनके पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया का भी राजनीति में दखल रहा है। उनकी छवि भी साफ सुथरे नेता की रही है। क्षत्रपों नहीं कार्यकर्ताओं के साथ यात्रा सिंधिया की इस सक्रियता में एक बात देखने को मिल रही है वह बिना किसी क्षत्रप के साथ लिए ही घूम रहे हैं। सिंधिया पार्टी में चलने वाली गुटबाजी से अपने को दूर रखना चाहते हैं। उनकी यह भी कोशिश है कि जिस इलाके में जाएं वहां के सभी गुट के कार्यकर्ता उनसे जुड़ें। यही कारण है कि वे किसी अन्य को साथ लेकर चलने की बजाय अकेले ही दौरा करने में भरोसा कर रहे हैं। यही सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। सिंधिया ने अभी हाल ही में सीहोर से लेकर शाजापुर, रतलाम व मंदसौर में तूफानी दौरा करने के दौरान साफ कर दिया कि पार्टी की मजबूती उनकी प्राथमिकता है। उनके इन कार्यक्रमों के दौरान वे नेता भी नजर आए जिनकी निष्ठा किसी दूसरे नेता के प्रति जग जाहिर है। सक्रियता को लेकर हर तरफ से उठ रहे सवालों पर वे खुद विराम लगाने की कोशिश करने से नहीं चूकते। राहुल की टीम ने सिंधिया को बताया सीएम मटेरियल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में पहली दफा उपयुक्त प्रत्याशियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित चेहरों का गोपनीय सर्वे विगत दो माह से चल रहा था, इस सर्वे में ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद के लिए सर्वाधिक अंक मिले हैं। कांग्रेस कल्चर में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी व्यक्ति विशेष को प्रोजेक्ट करने की परंपरा नहीं है, लेकिन राजनीति में कार्पोरेट कल्चर हावी हाने के बाद शीर्ष नेतृत्व सीएम प्रोजेक्शन का यह उपक्रम किया। यह सर्वे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सीधी निगरानी में किया गया। प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों के लिए बनाए गए पर्यवेक्षकों को क्रमश: दस-दस सीटों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने की जवाबदारी देते हुए उन्हें राज्य के विधानसभा सीटों के लिए भी उपयुक्त दावेदारों का पैनल बनाने को कहा गया था। साथ ही मुख्यमंत्री पद के लिए कौन सबसे ज्यादा उपयुक्त है? यह पता लगाने के लिए भी कहा गया था। पर्यवेक्षकों ने पार्टी नेता, कार्यकर्ता एवं आम जन से यह पता लगाने की कोशिश की कि आपकी नजर में मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे बेहतर कौन है? मध्यप्रदेश की दस लोकसभा सीटों के लिए सर्वे पर आए महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री विजय विट्टीवार ने पिछले दिनों टीकमगढ़, छतरपुर, खजुराहो, पन्ना, सतना, रीवा, कटनी, दमोह और सागर का दौरा किया इस दौरान पूछे गए सवालों में संभावित मुख्यमंत्री का सवाल भी शामिल था। सवालों के जवाब के लिए पार्टी द्वारा बनाया गया प्रोफर्मा बाकायदा भरवाया गया। जिसमें मुख्यमंत्री पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रोजेक्ट करने की बात सामने आई। कांग्रेस में दिखाई पड़ रहे इस बदलाव को पिछले दिनों राहुल गांधी द्वारा दिल्ली में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्षों की बैठक के असर से जोड़कर देखा जा रहा है। जो लगातार पार्टी के रिफार्मेशन में लगे हुए हैं।

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