गुरुवार, 14 मार्च 2013

विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का रोडमैप तैयार

भोपाल। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और संगठन महामंत्री अरविंद मेनन की तिकड़ी जीत की हैट्रिक बनाने को लेकर कोई भी मौका नहीं चुकना चाहती है। यही कारण है कि उसने चुनाव के 8 माह पूर्व ही हर मतदाता तक पहुंचने के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है। अगले आठ माह तक चलने वाले विभिन्न अभियानों के जरिए पार्टी हर वर्ग तक पहुंचने की कोशिश करेगी। पार्टी का हर तैयार पूरी तरह चुनाव की धूरी पर धूमती नजर आ रही है। कांग्रेस पर हमले की तैयारी भाजपा अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है। पार्टी राज्य में किसानों, महिलाओं, गरीबों के उत्थान और विकास की दिशा में रचे गए इतिहास को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर कांग्रेस पर करारे हमले बोलेगी। इतना ही नहीं, बढ़ते आतंकवाद, नक्सलवाद व महंगाई के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उसकी पोल खोलेगी। सबसे सक्रिय शिवराज मप्र में नवंबर माह में विधानसभा जंग होनी है, इससे पहले कांग्रेस और भाजपा अपनी रणनीति बनाने में जुट गए है सबसे सक्रिय सरकार है, सरकार के मुखिया ने चुनाव पर आधारित अभियान चला दिए है जिस पर पूरा ध्यान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का है, वे लगातार पंचायतों का आयोजन करके अपनी छवि में तो चार चांद लगा ही रहे है पर उनके साथ भाजपा संगठन कदम ताल कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर धीरे-धीरे संगठन को गति दे रहे हैं। भाजपा सरकार और संगठन तो अपने स्तर पर गोपनीय सर्वे भी करा रहे है, इस बार तीसरी ताकत के दल भी अभी से जोर मार रहे हैं। बसपा का अपना अभियान चल पडा है, यूं तो मप्र में दो दलीय व्यवस्था जड़ जमा चुकी है पर समय-समय पर तीसरी ताकत के दलो ने भी अपना जादू दिखाया है। नौ साल की उपलब्धियां गिनाएंगे विभाग संगठन को शिवराज सरकार की उपलब्धियों का प्रचार का कार्यक्रम देने के बाद शिवराज सरकार ने अब प्रशासनिक रूप से भी मिशन 2013 के लिए बीते नौ साल की उपलब्धियां जुटानी शुरू कर दी हैं। राज्य के सभी विभागों को नोटशीट भेजकर आदेशित किया गया है कि वे पिछले नौ साल की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के संबंध में नोट एवं ईमेल भेजें। यह ईमेल एमपीजीओवीडाटएमपीडाटजीओवीडाटइन पर भेजने के लिये कहा गया है। जाहिर है, शिवराज सरकार अपने वर्तमान चार साला कार्यकाल की उपलब्धियों पर संतुष्ट नहीं है इसलिये वह पिछले पांच साला कार्यकाल की उपलब्धियों को भी आम जनता के सामने लाना चाहती है। परदे के पीछे कार्य करने वाले दो भाजपा पदाधिकारियों की देखरेख में जो रणनीति बनाई गई है उसके अनुसार मुख्यमंत्री निकट भविष्य में पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे। इस दौरान सभी 230 विधानसभा क्षेत्र का जायजा लिया जायेगा। शहर से ज्यादा प्राथमिकता ग्रामीण इलाके को दी जायेगी। मुख्यमंत्री सीधे ग्रामीणों के बीच जायेंगे और उनसे प्रदेश सरकार के काम के बारे में पूछेंगे। उनका यह दौरा तीन चरण में होगा और इसकी शुरूआत विंध्य क्षेत्र से हो सकती है। सर्वे में कहा गया है कि विंध्य,बुंदेलखंड व महाकोशल की सौ सवा सौ सीट पर पार्टी को अधिक खतरा है। इन क्षेत्र का उतना विकास नहीं हो पाया जितना दावा किया गया। ऊपर से यहां के मंत्री व विधायक जन अपेक्षा में खरे नहीं उतर रहे। खुद पार्टी जनों ने कई विधायक की शिकायत भोपाल तक पहुंचाई है। लगातार यह कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री इन क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय है किन्तु सरकारी कामकाज ढीलाढाला है। विधायक भी जनता से कटे हुये हैं और मंत्री भी सुध नहीं ले रहे। कुछ कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन भी ठीक ढंग से नहीं हो रहा। बहरहाल हैट्रिक बनाने की धुन में मुख्यमंत्री ने संभवत: अब खुद ही पार्टी का अकेले बोझ उठाने की ठान ली होगी। ----------- यह बात और है कि जब नवम्बर, 2011 को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा विधानसभा में शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तब सिर्फ इसी सरकार के कार्यकाल के आरोपों को ही शामिल आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा में भी चिन्ता की लकीरें हैं। पार्टी के माथे पर बल लगातार गहरा हो रहा है। मुख्यमंत्री भले ही कितने भी लोकप्रिय क्यों न हो किन्तु सत्ता विरोधी रुझान कम नहीं हो रहा । इसके अलावा विधायकों के प्रति नाराजगी भी बढ़ती जा रही है। पार्टी के आंतरिक सर्वे ने प्रदेश नेतृत्व को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस सर्वे में परम्परागत सीटें छोड़ कर बाकी जगह प्लस-मायनस का गुणा भाग सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा के समय कराये गये सर्वे की रिपोर्ट आ गई है। इस सर्वे में कुछ इन्टेलीजेन्स अधिकारियों की सहायता ली गई थी। यह भी दावा हो रहा है कि इस सर्वे रिपोर्ट से स्वयं मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान चिन्तित हो उठे हैं। उन्होंने अपनी तरफ से कुछ कदम भी लिये हैं। ब्रांड शिवराज को भुनाने के लिये विशेष कार्य योजना मुख्यमंत्री के कुछ विश्वस्त अफसरों व पार्टी नेताओं ने बनाई है। फिलहाल कांग्रेस की चाल में खासी तब्दीली नहीं आई है पर ऐसा लगता है कि कांग्रेस में भीतर ही भीतर बेचैनी तो नजर आ रही है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की शपथ भी इसी साल खत्म हो रही है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस की चाल में तेजी तो आएगी पर यह कब आएगी यह अभी किसी को नहीं मालूम है जबकि सरकार की तरफ रोजाना मुद्दे विपक्ष को मिल रहे है तब भी जैसी सक्रियता की आम आदमी अपेक्षा कर रहा है। उस पर कांग्रेस खरी नहीं उतर रही है। इस वजह से हर तरफ होने वाली चर्चाओं से कांग्रेस को कम ही नंबर मिल रहे है।

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