शनिवार, 20 फ़रवरी 2010

संघ की योजना नहीं चढ़ी सिरे!

नहीं बन पाई समन्वय समिति, उमा भारती की वापसी भी रुकी...
संगठन में पीढ़ीगत परिवर्तन और विचारों में लचीलापन लाने के संकल्प के साथ भाजपा का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन यहां शुक्रवार को संपन्न हो गया। वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने तीसरी और चौथी कतार के नेताओं को मुख्य फलक पर लाने की बात कर साफ संकेत दे दिया है कि वरुण गांधी, अनुराग ठाकुर और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे युवा नेताओं के लिए टीम गडकरी में स्थान पाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। भाजपा में आज भी लालकृष्ण आडवाणी का दबदबा बरकरार है। जिन्ना विवाद में अध्यक्ष और लोकसभा चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ चुके आडवाणी पार्टी पर अपना पूरा प्रभाव रखते हैं। इसी का परिणाम है कि जहां नए राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुशासन और विचारधारा के मामले में कड़ा संदेश देने में सफल रहे लेकिन संघ की योजना को अमली जामा नहीं पहना सकें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसवेक से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक पहुंचे नितिन गडकरी उसकी ही योजना को लागू नहीं कर पाए।
सूत्रों के अनुसार संघ इस बात पर जोर दे रहा था कि भाजपा के संचालन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक समन्वय समिति बननी चाहिए, जिसमें वरिष्ठ नेताओं के अलावा पूर्व महासचिव गोविन्दाचार्य और संजय भाई जैसे नेता भी शामिल हों लेकिन ऐसा निर्णय राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नहीं हो सका। इसके अलावा मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और फायरब्राण्ड नेता उमा भारती की पार्टी में वापसी एक बार फिर से खटाई में पड़ गई। पार्टी सूत्रों के अनुसार आडवाणी की चौकड़ी सुषमा, अरुण जेटली, वैंकया नायडू और अनन्त कुमार के तगड़े विरोध के चलते उमा भारती की भाजपा में वापसी नहीं हो सकी। गडकरी उमा को वापस लाने के प्रति काफी गंभीर है लेकिन गडकरी ने आडवाणी के सिपहसालारों से पंगा लेने के बजाए अपने कदम वापस खींच लेना बेहतर समझा।

संजय जोशी भी लौटेंगे!
कभी भाजपा की सांगठनिक गतिविधियों की धुरी रहे पूर्व संगठन महासचिव संजयभाई जोशी को गडकरी की नई टीम में जगह मिल सकती है! सूत्रों के अनुसार उन्हें महासचिव या उपाध्यक्ष पद पर बैठाया जा सकता है। इसी प्रकार पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के राजनीतिक सलाहाकर रहे मुरलीधर राव को भी महासचिव बनाए जाने की चर्चा है।
चौथी पीढ़ी के नेता भी टीम में होंगे
अपने समापन भाषण में आडवाणी ने भाजपा में नेतृत्व के साथ पीढ़ी परिवर्तन की प्रक्रिया को स्वाभाविक बताते हुए कहा कि संगठन में न सिर्फ दूसरी बल्कि तीसरी और चौथी पीढ़ी के नेता परिवर्तन का हिस्सा बन रहे हैं। गडकरी को तीसरी पीढ़ी का नेता बताते हुए उन्होंने कहा कि चौथी पीढ़ी के नेता भी टीम गडकरी में होंगे। आडवाणी के इस बयान से शाहनवाज हुसैन, राजीव प्रताप रूडी, वरुण गांधी, अनुराग ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान, नवजोत सिंह सिद्धू, सरोज पांडे और स्मृति ईरानी जैसे नेताओं की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें