गुरुवार, 13 फ़रवरी 2014

कोई भी हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकताः राम माधव

भोपाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता राम माधव ने गरुवार को यहां कहा कि किसी भी तरह से कोई भी हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता। आरएसएस प्रवक्ता ने संवाददाताओं से अनौपचारिक रुप से बातचीत में कहा,'एक हिंदू को आतंकवादी कहना अपने आप में एक बहुत बड़ा विरोधाभास है और यह इसलिए कहा जाता है, ताकि संघ (आरएसएस) की छबि खराब की जाए।' माघव ने कहा, '2008 से कुछ हिंदुओं को आतंकवाद से जुड़े हुए पांच मामलों में गिरफ्तार किया गया है। लेकिन इनमें से किसी भी मामले में अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है, जिसके कारण गिरफ्तार व्यक्तियों को जमानत नहीं मिल रही है।' जब उनसे यह पूछा गया कि क्या उनकी नजर में आरएसएस एक सफल संस्था है, तो उन्होंने कहा कि यह (आरएसएस) देश की एकता के लिए काम कर रही है और जब तक इसे प्राप्त नहीं किया जाता, तब तक इसका काम अधूरा ही रहेगा। आरएसएस प्रवक्ता ने कहा कि 1966 में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस गजेन्द्र गड़कर और 1994 में एक अन्य सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेएस वर्मा ने हिंदुत्व के बारे में बहुत विस्तार और लंबे निर्णयों में कहा था कि यह जीवन का एक तरीका है। माधव ने बताया कि यह मामला मार्च में सुप्रीम कोर्ट के सात सदस्यीय पीठ के सामने फिर से आने की संभावना है और वह (सात सदस्यीय पीठ) भी हिंदुत्व के बारे में चर्चा करेगी। उन्होंने दावा किया कि गड़कर और वर्मा के निर्णय इतने विस्तृत थे कि यह संभव है कि सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय पीठ के पास हिंदुत्व के बारे में कहने के लिए और नया कुछ भी न रह जाए। माधव ने कांग्रेस नेताओं से कहा है कि वे पहले वे सरदार पटेल को पढ़ लें और फिर कोई टिप्पणी करें। वे यहां विश्व संवाद केंद्र में आयोजित एक संगोष्ठी में शामिल होने के लिए आए हैं। राम माधव ने कहा कि कांग्रेस नेता सरदार पटेल को समझे बिना ही टिप्पणियां कर रहे हैं। सरदार पटेल को पहले उन्हें पढ़ना चाहिए। सरदार पटेल ने आरएसएस पर बैन जरूर लगाया था लेकिन उन्हीं पटेल ने आठ महीने बाद इस बैन को हटा दिया था। इसलिए कांग्रेस नेता बिना पढ़े और समझे इस तरह की कोई बात नहीं करें। आरएसएस सह संपर्क प्रमुख ने असीमानंद के ट्रेन ब्लास्ट की जानकारी आरएसएस प्रमुख को होने के बयान को कांग्रेस पर षड़यंत्र करार दिया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख का कभी भी इस तरह की गतिविधियों से कोई सरोकार नहीं रहा है।

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