शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

भारत में 100 में 54 लोग भ्रष्ट,

घूस लेने में पुलिस नंबर-1
भारत में भ्रष्टाचार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। एक सर्वे से खुलासा हुआ है कि इस देश में रहने वाले 100 में 54 लोग बेईमान हैं। ये खुलासा हुआ है गैर सरकारी संगठन ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट से। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल यहां हर दूसरे शख्स ने अपना काम कराने के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी। वहीं खुलासा हुआ है कि पुलिस रिश्वत लेने के मामले में नंबर वन है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के खुलासे से साफ हो गया है कि 100 में 80 ना सही लेकिन देश में भ्रष्टाचार का आंकड़ा इससे कम भी नहीं। देश में 100 में 54 लोग भ्रष्ट हैं। जो अपना काम करवाने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लेते हैं। फिर चाहे इसके लिए वो घूस दें या घूस लें।
संयुक्त राष्ट्र संघ की ट्रांसपेरेंसी इंटरनेश्नल की 7वीं रिपोर्ट इंटरनेश्नल एंटी करप्शन डे के मौके पर जारी की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल भारत में अपना कोई न कोई जरुरी काम करवाने के लिए 54 फीसदी लोगों ने रिश्वत दी। यानि देश का हर दूसरा शख्स रिश्वत देने में यकीन रखता है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार पुलिस डिपार्टमेंट में है। सर्वे में भारत को इराक और अफगानिस्तान सहित सबसे भ्रष्ट देशों में गिना गया है।
यही नहीं, रिपोर्ट में लोगों की राय लेने के बाद ये भी लिखा गया है कि भारत के करीब 74 फीसदी लोगों के मुताबिक पिछले 3 सालों में देश में रिश्वतखोरी काफी बढ़ी है। मालूम हो कि भारत में टू जी स्पेक्ट्रम जिसने देश को 1 लाख 76 हजार करोड़ का चूना लगाया। भ्रष्टाचार की मुंबई में आदर्श इमारत भी इसी बात को दर्शाती है। कॉमनवेल्थ में सैकड़ों करोड़ का घोटाला भी इसी की तस्दीक करता है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेश्नल के आंकड़े चौकाने वाले हैं, इसमें भारत के अलावा दुनिया भर में बढ़ते भ्रष्टाचार की भी बात की गई है। अगर दुनिया के दूसरे देशों की बात करें तो रिपोर्ट में और कई चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए गए हैं। इस सर्वे में 86 देशों में 91,000 लोगों से बात की गई। 2010 के ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर के मुताबिक पिछले 12 महीनों में दुनिया के हर चौथे आदमी ने घूस दी। घूस लेने वालों में शिक्षा, स्वास्थ्य और टैक्स विभाग के अधिकारी सबसे आगे हैं।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेश्नल 2003 से करप्शन पर रिपोर्ट जारी कर रही है। यह उसकी 7वीं रिपोर्ट है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेश्नल की 7वीं रिपोर्ट के आंकड़ों ने दुनियाभर में फैल रहे भ्रष्टतंत्र के दावों पर मुहर तो लगाई ही है। साथ ही भारत में फैल रहे भ्रष्टाचार के कैंसर को भी बेपर्दा किया है।

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