महिला हॉकी खिलाड़ी रंजीता द्वारा टीम के कोच एमके कौशिक पर लगाए यौन शोषण के आरोपों को हॉकी इंडिया ने सही मानते हुए उन पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। देश में हॉकी के सबसे बड़े निकाय ने सेक्स स्कैंडल पर रिपोर्ट जारी कर दी है। इसके साथ ही हॉकी इंडिया ने फैसला लिया है कि भविष्य में वो कभी कौशिक को अनुबंधित नहीं करेगी ना ही उनकी सेवाएं लेगी। अभी यह मामला चल ही रहा है कि इसी बीच मैच फिक्सिंग के आरोप में आजीवन प्रतिबंध का सामना कर रहे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन और बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा के प्रेम का मामला उछल गया। जिससे अब तो यह भ्रम भी चरमरा कर अपनी अंतिम सांसें ले रहा है कि खेल सिर्फ खेल नहीं एक तरह का खिलवाड़ भी है। चाहे यह खेल क्रिकेट हो या हॉकी, इंडियन प्रीमियर लीग की चौंधियाहट हो या फीफा की जगमगाहट। देश हो या विदेश - जहां खेल है, पैसा है, वहां परोसा जाता है सेक्स।
देश की पहले से चरमराई महिला हॉकी टीम की एक सदस्या ने जब कोच पर यौन शोषण का आरोप लगाया, तब खेल मंत्रालय जैसे सोते से जाग गया। इसके तुरंत बाद यह खबर आई कि जब भारतीय महिला हॉकी टीम चीन और कनाडा के दौरे पर थी, तब टीम का एक अधिकारी अपने कमरे में कार्ल गल्र्स लाता था। हमारे देश में हॉकी के साथ कोई ग्लैमर नहीं जुडा, लेकिन यहां भी खेल की आड़ में देह व्यापार झांकने लगा है।
इस घटना का गौरतलब पहलू यह है कि टी रंजीता के इन आरापों के बाद कई महिला खिलाडिय़ों ने अपने साथ या अन्य महिला खिलाडिय़ों के साथ हुए द्रव्र्यवहार पर खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। टीम की पूर्व गोलकीपर और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हेलन मेरी की प्रतिक्रिया कुछ यों रही- टीम में यह खेल बहुत पहले से चल रहा है। फेडरेशन और मंत्रालय में शिकायत करने पर भी पीडि़तों की ज्यादा सुनवाई नहीं होती। हाकी खिलाड़ी नवनीत भी दो महीने बाद दिल्ली में होने वाले कामनवेल्थ गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व कर रही होतीं, अगर उन्होंने दो साल पहले लखनऊ में जूनियर नेशनल कैंप के दौरान राष्ट्रीय गोलकीपिंग कोच ई एडवर्ड्स के कथित दुर्व्यवहार को चुपचाप सहन कर लिया होता। नवनीत का कहना था कि उन्होंने इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय जूनियर हाकी के तत्कालीन कोच जीएस भंग्गू से की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नवनीत की मानें तो उन्हें विकल्प दिया गया था कि समझौता कर लो या फिर हाकी छोड़ दो। नवनीत ने हाकी छोडऩे वाला विकल्प चुना। इसी तरह जून 2009 में आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव पर यौन शोषण का आरोप लगा था और इस साल फरवरी में सुमन रावत ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर और कोच जगत सिंह बेलाल ने उनके साथ बलात्कार की कोशिश की। बाद में सुमन रावत को टीम से निकाल दिया गया।
यहा टेनिस की उभरती खिलाड़ी रुचिका गिरोत्रा का जिक्र करना जरूरी हो जाता है, जिसका यौन उत्पीडऩ हरियाणा के तत्कालीन डीजीपी राठौर ने किया था। उस समय राठौर हरियाणा टेनिस एसोसिएशन के अध्यक्ष थे। रुचिका ने यौन उत्पीडऩ और अपने परिवार को राठौर द्वारा दी जाने वाली मानसिक यातनाओं से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। महिला खिलाडिय़ों द्वारा अपने प्रशिक्षकों के खिलाफ यौन उत्पीडऩ के आरोपों वाले मामलों की सूची बहुत लंबी है, जो इस बात की ओर इशारा करती है कि कहीं दाल में कुछ काला है।
दाल में कुछ काला नहीं रहता तो भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) से कांग्रेस सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन का दिल अपने से आधी उम्र की एक बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा पर क्यो आ गया है। ज्वाला की वजह से अजहर और संगीता बिजलानी की 14 साल पुरानी शादी खतरे में बताई जा रही है। खबर यहां तक है कि एक हफ्ते के भीतर अजहर तलाक के लिए अर्जी देने वाले हैं। ज्वाला गुट्टा भी शादीशुदा हैं। उनकी शादी विजेता चेतन आनंद से हुई है। ज्वाला 26 की है जबकि अजहर 47 के। शादीशुदा अजहर हाल ही में एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप के दौरान दिल्ली में शादीशुदा ज्वाला के साथ कई मैचों के दौरान क्यों घुम रहे थे। इस पूरे मामले पर पुलेला गोपीचंद ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया है। अजहर की पहली शादी नौरीन से हुई थी। शादी के करीब 8 साल बाद अजहर-नौरीन के रिश्ते में खटास आ गई थी जब अजहर संगीता के करीब आ रहे थे। नौरीन से अजहर के दो बेटे हैं-असादुद्दीन और अबासुद्दीन। हालांकि, तलाक के पांच साल बाद नौरीन ने एक कनाडाई बिजनेसमैन से शादी कर ली थी। इस मामले पर जब ज्वाला गुट्टा से पूछा गया तो उन्होंने न तो ख़बर से इनकार ही किया और न ही उसे सही बताया। वहीं, उनके पति चेतन आनंद ने कहा कि मीडिया को किसी की निजी जि़ंदगी में झांकने का हक नहीं है। संगीता बिजलानी की ओर से भी इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है।
बैडमिंटन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि ज्वाला से नजदीकियों के कारण ही अजहर बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) में अध्यक्ष का चुनाव लडऩा चाहते थे। उल्लेखनीय है कि अजहर ने अध्यक्ष पद के चुनाव में वीके वर्मा को चुनौती देने का एलान करते हुए सभी को चौंका दिया था। सूत्रों के अनुसार अजहर ने ज्वाला को बीएमडब्ल्यू कार तोहफे में दी है और बैडमिंटन स्टार हैदराबाद की सड़कों पर इसे दौड़ाते हुए सबकी नजरों में आ चुकी हैं। आंध्रप्रदेश बैडमिंटन संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि अजहर जब भी हैदराबाद में होते हैं, तो गोपीचंद एकेडमी के काफी चक्कर लगाते हैं। ज्वाला यहीं प्रैक्टिस करती हैं और उन्हें कई बार अजहर के साथ जाते हुए देखा गया है।
एक सवाल यह भी है कि विभिन्न खेल संघों ने अपने-अपने यहा यौन उत्पीडऩ शिकायत सेल और जाच समितियों का गठन भी किया हुआ है या नहीं? कई महिला खिलाडिय़ों के बयानों से यही गंध मिलती है कि यौन उत्पीडऩ की शिकायत करने पर आला अधिकारियों का रवैया मामले को दबाने का ही होता है। कई मर्तबा महिला खिलाड़ी ऐसे मुद्दों पर खामोश ही रहती हैं। विरोध न करने की कई वजहें हो सकती हैं।
जब छोटे-छोटे कस्बों की लड़कियां प्रतिकूल माहौल से जद्दोजहद करते हुए खेल के मैदान तक पहुंचने का जज्बा दिखा रही हैं तो ऐसे में सरकार उन्हें भयमुक्त सुरक्षित महौल मुहैया कराने की जवाबदेही से कैसे बच सकती है।
खेल के साथ सेक्स को आईपीएल के मैचों में भी खूब भुनाया गया। वैसे भी आईपीएल खेलों में देश-विदेश की छरहरी बालाएं, जो चियर लीडर्स का काम करती हैं, अपनी आकर्षक मुद्राओं से दर्शकों को भी स्टेडियम आने का आमंत्रण देती हैं। आईपीएल की आलीशान पार्टियां, टीम के मालिकों का रईसाना अंदाज और उनका साथ देने के लिए मौजूद बालाएं। हॉकी के एक अधिकारी की रंगीन रातों के खुलासे के बाद आईपीएल के उन अधिकारियों पर उंगली उठने लगी है, जो ऐसी पार्टियों के कर्ताधर्ता थे। अनुमान के मुताबिक एक माह तक जारी इन खेलों में लगभग ढाई सौ चियर लीडर्स थीं और हजार से ज्यादा यौनकर्मी विभिन्न शहरों में खास मेहमानों का मनोरंजन करने के लिए आमंत्रित की जाती थीं।
ताजा प्रकरण ने एक साथ कई सवालों को जन्म दिया है, जिनके हल उच्च पदों पर आसीन संबंधित अधिकारियों को तलाश करने होंगे। कौशिक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन क्या उनका इस्तीफा देना ही इस मसले का हल है? क्या इस के सामने आने के बाद हम अपने परिवार की किसी लड़की को खेलों की ओर प्रोत्साहित करने का विचार करेंगे? क्या आप मानते हैं कि इस तरह की घटनाएं खेल की दुनिया में आम बात हैं? क्या विदेश दौरों के दौरान पुरुष अधिकारियों के साथ पत्नी का जाना अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए? क्या हॉकी की दुर्दशा के लिए यही सब कारण जिम्मेदार हैं? क्या सिर्फ कोच का बदला जाना इस समस्या का हल है?
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