सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

शादी से पहले सेक्स में आगे निकले गांव के छोरे-छोरियां

17 फीसदी ग्रामीण नौजवानों ने 7 फेरों से पहले सेक्स का अंजीर चख लिया है

नई दिल्ली। ये खबर उन लोगों को झटका दे सकती है जो स्कूलों में सेक्स एजुकेशन के विरोधी हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने नौजवानों के सेक्स रुझान को लेकर एक सर्वे कराया है। इस सर्वे का नतीजा ये है कि शादी से पहले सेक्स युवा पुरुषों में बेहद आम है।


चौंकाने वाली बात है कि 15 साल की उम्र तक विवाह पूर्व सेक्स के मामले में लड़कियां लड़कों से आगे निकल गई हैं। जिन गांवों को हमारी संस्कृति का शो-केस कहा जाता है तस्वीर वहीं बदल रही है। शहरों में शादी से पहले सेक्स आम बात माना जाता था लेकिन गांवों ने इस मामले में मेट्रोसेक्शुअल्स को पछाड़ दिया।


सरकारी सर्वे बताता है कि 17 फीसदी ग्रामीण नौजवानों ने 7 फेरों से पहले सेक्स का अंजीर चख लिया है यानि हर 6 में से 1 लड़का। जबकि शहरों में ये आंकड़ा महज 10 फीसदी ही पहुंचा। ज्यादा से ज्यादा लड़कियों के साथ नजर आने वाले शहरी नौजवान शायद दायरे से आगे बढ़ने में हिचकते हैं।


अब अगर गांव का छोरा आगे है तो गांव की गोरी पीछे कैसे होगी। शहरों में महज 2 फीसदी लड़कियां शादी से पहले सेक्स का अनुभव हासिल कर पाती हैं लेकिन गांवों में ये आंकड़ा एकदम दूना है। 4 फीसदी ग्रामीण लड़कियां शादी से पहले सेक्स कर चुकी होती हैं। सर्वे टीम को पूरे देश में ऐसे 15 फीसदी पुरुष और 4 फीसदी महिलाएं मिलीं जो शादी से पहले सेक्स संबंध बना चुके थे।


सर्वे का नतीजा ये भी बताता है कि बड़ी तादाद में नाबालिग लड़कियां भी अपनी मर्जी से सेक्स का अनुभव ले रही हैं। आप माने या न मानें लेकिन ये रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय की है जिसे खुद स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने जारी किया है। केंद्र सरकार के इस सर्वे पर अगर भरोसा करें तो सेक्स एजुकेशन की कमी की वजह से जहां युगल कई बीमारियों के निशाने पर हैं वहीं इससे और दूसरे तरह के भी जोखिम कम नहीं।


सर्वे के मुताबिक हर जगह नौजवान जल्दबाजी में असुरक्षित संबंध बनाते हैं। इसकी वजह है सेक्स एजुकेशन की कमी। सर्वे के मुताबिक शादी से पूर्व सेक्स युवा पुरुषों में बेहद आम है। लेकिन चौंकाने वाली बात है कि 15 साल की उम्र तक सेक्स के मामले में महिलाएं पुरुषों से आगे निकल गई हैं। युवा पुरुषों में करीब 15 फीसदी ने माना कि उन्होंने विवाह पूर्व सेक्स किया है। वहीं, महिलाओं में से 4 फीसदी ने माना कि उन्होंने शादी से पहले सेक्स किया है। इनमें से करीब 24 फीसदी महिलाओं ने 15 -साल की उम्र तक ही विवाह पूर्व सेक्स कर लिया था जबकि पुरुषों में ये प्रतिशत 9 रहा।


लेकिन कॉन्डोम और कांट्रासेप्टिव के इस्तेमाल को लेकर लड़के और लड़कियां दोनों ही लापरवाह दिखे। आंकड़े सेक्स शिक्षा की सख्त जरूरत की ओर इशारा कर रहे हैं। मां-बाप अपने बच्चों से स्कूल परफॉर्मेंस के बारे में तो चर्चा करते हैं मगर रोमांस, रिश्ते और प्रजनन जैसे मुद्दे पर बात करने से कतराते हैं।


15-24 साल के सिर्फ 7 फीसदी लड़के ही मां-बाप से अपने शारीरिक विकास के बारे में बात करते हैं जबकि 15- 24 साल की 4 फीसदी लड़कियां ही मां-बाप से अपने शारीरिक विकास के बारे में बात करती हैं। सिर्फ 6 फीसदी लड़के मां से अपने शारीरिक विकास के बारे में चर्चा करते हैं लेकिन 77 फीसदी लड़कियां अपनी मां से शारीरिक विकास के बारे में बात जरूर करती हैं।


ये स्टडी देश के 6 राज्यों में की गई। ये राज्य हैं-आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु। साल 2006 से 2008 के बीच हुई इस स्टडी में 15 से 29 साल के 58 हजार नौजवानों को शामिल किया गया था। सर्वे के नतीजों के हवाले से अब सेक्स एजुकेशन पर जोर दिया जा रहा है। जाहिर है इस सर्वे ने एक बार फिर देश में नई बहस की भूमिका तैयार कर दी है।

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