शनिवार, 14 मई 2011
दुनिया में सबसे ज्यादा लफंगे होते हैं क्रिकेटर
विनोद उपाध्याय
ग्लैमर और चकाचौंध से भरे टी-20 फॉर्मेट ने जितनी जल्दी कामयाबी के आसमान को छुआ उसका विववादों से भी चोलीदामन का ाथ रहा। लीग के पहले सीजन से ही इसमें कई विवाद उठते गए। और आईपील-4 के शुरू होने तक विवादों का सिलसिला लगातार जारी है।
खेलों की दुनिया में जब क्रिकेट का अवतरण हुआ था तब इसको भद्र पुरुषों के खेल की संज्ञा दी गई थी लेकिन धीरे-धीरे इस खेल की बढ़ती लोकप्रियता ने क्रिकेट को भद्र पुरुषों के खेल की जगह लफंगों तथा भ्रष्टों का खेल बना दिया। इंडियन प्रिमियर लीग यानी आईपीएल में तो सारी वर्जनाएं तार-तार हो गई हैं और इस बात को बल मिला है दक्षिण अफ्रीका की चीयरगर्ल गैबरियला के खुलाशे से।
राममनोहर लोहिया ने क्रिकेट के इस पहलू के संबंध में एक पत्र गार्डियन मेन्चेस्टर के संपादक को लिखा था और कहा था कि भारत जैसा देश इसे नहीं खेल सकता। लेकिन क्रिकेट को आज का युवा वर्ग धर्म मानता है और सचिन को भगवान। कारपोरेट सेक्टर इस नए धरम का मसीहा है और मीडिया इसका पुरोहित। यह सब मिलकर देश की नई पीढ़ी को अफीम नहीं बल्कि मलानाक्रीम चटा रहे हैं और मेरे देश के नेता उच्चार रहे हैं-तमसो मा ज्योतिर्गमय।
क्रिकेट मैदान पर सही मायने में भद्रजनों का खेल नजर आता है,लेकिन पिछले कुछ सालों से जिस तरह से खेल-खेल में अमीर बनने की चाहत में खिलाडिय़ों ने मैच के नतीजे पहले से ही निर्धारित करने शुरू कर दिए और इस खेल के छोटे भारतीय संसकरण आईपीएल ने तो इस खेल को अभद्रजनों का खेल बना दिया है। आईपीएल ने तो इस खेल को चरम पर पहुंचाया है लेकिन आईपीएल को रोमांच के हद तक ले जाने में कहीं न कहीं चीयरगल्र्स की एक बड़ी भूमिका रही है। लेकिन अब जो मामला सामने आया है उसने इस चकाचौंध का काला सच जिसने क्रिकेटरों को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। दक्षिण अफ्रिकाकी एक चीयरगर्ल गैबरिएला पास्कालोटो ने क्रिकेटरों पर पार्टियों के दौरान अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया है। गैबरिएला पर एक नजर डालें तो वह दक्षिण अफ्रीकी चीयरगल्र्स में से एक थी जो टी-20 सीजन 4 में आई तो थी जलवा बिखेरने, लेकिन एक ब्लॉग में सच लिखना इतना महंगा पड़ा कि उन्हें बीच टूर्नामेंट से ही वापस भेज दिया गया।
मगर अब चीयरगल्र्स के सनसनीखेज खुलासे ने आईपीएल के स्वाद को बेमजा कर दिया है। क्रिकेटरों को चीयर करने का जिम्मा जिस लड़की पर था उसने यह इल्जाम लगाया है कि क्रिकेटरों का कोई चरित्र नहीं होता, क्रिकेटर सबसे बदतमीज होते हैं। ब्लॉगिंग के जरिये क्रिकेटरों की निजी जानकारी बाहरी दुनिया को लीक करने के इल्जाम में टी-20 से निकाली गई दक्षिण अफ्रिका की चीयरगर्ल गैबरियला ने क्रिकेटरों और टी-20 के पार्टी कल्चर को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। यह बात तो सच है कि ग्लैमर और क्रिकेट का रिश्ता काफी पुराना है। आईपीएल चीयरलीडर गैब्रिएला के ब्लॉग से आईपीएल इस कदर घबरा गया कि उसे तत्काल दक्षिण अफ्रिका वापस भेज दिया गया। द सीक्रेट डायरी ऑफ एन आईपीएल चीयरलीडर में उसने खिलाडिय़ों के अभद्र बर्ताव के बारे में जिस तरह बताया है, उससे दरअसल ऑफ द पिच पार्टी की पूरी संस्कृति ही कटघरे में नजर आती है।
वैसे गैब्रिएला के उस पूरे ब्लॉग में क्रिकेटर्स पर तो महज कुछ ही वाक्य हैं। बाकी बातें दूसरे लोगों के बारे में हैं। इस तरह उसके ब्लॉग से वीआईपी रूम के रियल फन का भी पर्दा उठता है। ब्लॉग में लिखा है कि पार्टी में कुछ लोग चीयरलीडर को पीस ऑफ मीट की तरह देखते हैं और उन्हें आसानी से हासिल करने की इच्छा रखने वालों की नशे के बाद की स्थिति को समझा जा सकता है। गैब्रिएला का दावा है कि ब्लॉग पर वही लिखा है, जो उसने महसूस किया है। अब इन हरकतों के खिलाफ वह कोई कानूनी कार्रवाई करती है या नहीं, यह तो बाद की बात है, लेकिन इससे चीयरलीडरों को आईपीएल मैचों से जोडऩे की पूरी कवायद पर ही एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। जो लोग इनके सहारे क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने की बात करते हैं, उन्होंने कभी इस तथ्य को स्वीकार नहीं किया कि ज्यादातर दर्शक मैदान में खेल देखना चाहते हैं, मटकती हुई सुंदरियां नहीं। इसलिए गैब्रिएला के बयान के बाद इस बात पर विचार करना जरूरी है कि उन्हें आखिर किन लोगों को खुश करने के लिए मैदान में उतारा जाता है।
गैब्रिएला की भाषा में, कहीं ये वही दूसरे लोग तो नहीं। ऐसा आखिर क्यों हुआ कि एक चीयरलीडर को ही यह कहना पड़ गया कि उन्हें चलते-फिरते पोर्न की तरह ट्रीट किया जाता है। हो सकता है कि इस मामले को सिर्फ उसी ने इस तरह से देखा हो या सिर्फ उसी के साथ इस तरह का व्यवहार किया गया हो। लेकिन इस मुद्दे के उछलने के बाद दूसरी चीयरलीडर्स से भी उनके अनुभव के बारे में जानने की कोशिश की जानी चाहिए। कहीं कुछ चीयरलीडर ऐसी तो नहीं जो विवशता में अपना मुंह न खोल पा रही हों। आयोजन को दिलचस्प बनाया जाना चाहिए और नए प्रयोग भी करने चाहिए। पर नौबत यहां तक भी नहीं पहुंचनी चाहिए कि किसी गैब्रिएला को अपने ब्लाग में अपनी तकलीफ बयान करनी पड़े।
गैबरिएला की मानें तो उन्हें खिलाडिय़ों के शिकायत करने पर ही वापस भेजा गया है। अपने ब्लॉग के माध्यम से उसने कहा कि मुझे वापस भेज दिया गया जैसे कि मैं कोई अपराधी हूं, मुझसे इस तरह बात की गई जैसे मैंने ड्रग्स ली हो या फिर कोई बड़ी गलती की हो, मेरी बात रखने का भी मुझे मौका नहीं दिया गया। गैबरिएला ने जो सनसनीखेज खुलासा किया है वह यह है कि ज़्यादातर चीयरगल्र्स की क्रिकेटरों से नज़दीकियां हैं। उसने अपने ब्लॉग में लिखा है कि ये एक भद्दा मज़ाक है, सब जगह कैमरे रहते हैं और हर कोई देख सकता है कि इन पार्टियों में क्रिकटरों का रवैया क्या होता है। वो हमें गोश्त समझते हैं। गैब्रियाला ने अपने ब्लॉग में लिखा है, ग्रीम स्मिथ तो किसी के भी साथ फ्लर्टिंग कर सकता है इसलिए उसकी गर्लफ्रेंड उसके पीछे रहती है। कंगारू बहुत शरारती हैं। ऑस्ट्रेलिया में उनकी गर्लफ्रेंड हैं, लेकिन फिर भी वो यहां तीन-तीन लड़कियों के साथ रंगरेलियां मनाते हैं। कहते हैं मेरे कमरे में आओ कुछ काम है।
गैब्रियाला की सीक्रेट डायरी ऑफ एन आईपीएल चीयरलीडर में लिखा है कि भारत के लिए रवाना होने से पहले मेरे परिवार और दोस्तों ने मुझे कई समझाइश, सुझाव और टिप्स दिए थे। चूंकि ये मेरा पहला विदेशी दौरा था, मुझे इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए था। लेकिन मैंने खुले दिमाग और सकारात्मक रवैये के साथ भारत जाने का फैसला किया। ये सिर्फ एक विदेश में छुट्टी नहीं बल्कि मेरी जॉब थी और क्रिकेट के लिए दिमागी तौर पर मुझे खुद से ज्यादा कोई और बेहतर तैयार नहीं कर सकता था। यहां पूरे तीन हफ्ते गुजर चुके हैं और मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि किस प्रकार साधारण सी लड़कियों का समूह एकदम से सेलिब्रिटी बन सकता है। हम 40 लड़कियां हैं। हर दस लडि़कयों के ग्रुप के ऊपर एक मैनेजर है जिसने हमें कड़े दिशा निर्देश दे रखे हैं। हमें कहा गया है कि यदि कोई पूछे कि हम यहां क्यों आए हैं तो हमें यह बताना है कि हम छुट्टियां बिताने आए हैं। यहां लोग क्रिकेट के दीवाने हैं। सभी अपनी-अपनी फेवरेट टीम को फॉलो करते हैं। ऐसे में हम कौन हैं इसका खुलासा हमें मुश्किल में डाल सकता है। जिस दिन हमारी छुट्टी होती है हम भारत में घूमने निकल जाते हैं। लेकिन ये आसान नहीं होता। लोग आपको चलते फिरते पॉर्न की तरह देखते हैं। सबकी नजरें सिर्फ हम पर टिकी होती हैं। सभी पुरुष हमें ऊपर से नीचे तक देखते हैं। दूसरी ओर महिलाएं हमें ऐसे देखती हैं जैसे कि हम हैं ही नहीं। शाम 4 बजे से होने वाले मुकाबलों के बाद पार्टियां होती हैं। म्यूजिक, मदिरा और क्रिकेटर सब मिलकर पार्टियों की रंगीनियां बढ़ाते हैं। असली फन तो वीआईपी कमरों में होता है। उसने आगे लिखा है कि कुछ भारतीय क्रिकेटर तो बहुत शालीन हैं। धोनी और रोहित शर्मा तो बस कोने में बैठे रहते हैं। तेंडुलकर जैसे हॉटशॉट अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। लेकिन यदि आपको जॉन्टी रोड्स और एल्बी मोर्केल मिल जाएं तो समझो आप फंस गए। ग्रीम स्मिथ बहुत फ्लर्ट करते हैं। शायद इसलिए उनकी गर्लफ्रेंड उनका पीछा नहीं छोड़ती।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मजेदार होते हैं लेकिन वो बहुत शरारती हैं। एडन ब्लिजार्ड और डेन क्रिश्चियन इसका उदाहरण हैं। हर लड़की के पास जाकर बस एक ही बात बोलते हैं, कमरे में चलो। ओह प्लीज! अब मुझे ऐहसास हो गया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा लफंगे क्रिकेटर होते हैं। इसलिए मैंने तो यही सबक सीखा है, क्रिकेटरों से सावधान।
इंडियन प्रीमियर लीग पर क्रिकेट के अलावा ग्लैमर का भी तड़का रहता है। मैदान पर मासूम से दिखने वाले खिलाड़ी मैच के बाद होने वाली पार्टियों में कितने जंगली होते हैं, इस सच्चाई का खुलासा करना एक दक्षिण अफ्रीकी चीयरलीडर को भारी पड़ गया। गैब्रियाला पास्कालोटो नाम की इस मॉडल को पर्दे के पीछे की बातें सार्वजनिक करने के कारण स्वदेश वापस भेज दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक गैब्रियाला के ब्लॉग से क्रिकेटरों की निजी जिंदगी खतरे में पड़ गई थी। गैब्रियाला ने बताया है कि उन्हें भारत आते ही कुछ दिशा निर्देश दिए गए थे जिनके अंतरगत वो खिलाडिय़ों से ज्यादा दोस्ती नहीं बढ़ा सकती, क्योंकि इससे उनके प्रदर्शन पर असर हो सकता है। लेकिन कुछ चीयलगर्ल्स के क्रिकेटरों के साथ अंतरंग संबंध भी हैं, गैब्रियाला ने खुलासा किया। यकीनन क्रिकेटरों के बारे में गैबरियला की ये राय उनके फैन्स को हिला सकती हैं, जो क्रिकेटरों को दीवानगी की हद तक चाहते हैं। क्रिकेट की दुनिया की ये काला सच शर्मसार करने वाला है।
उल्लेखनीय है कि जब आईपीएल-3 समाप्त हुआ था तो अफगानिस्तान से मुजाहिद्दीन संगठन ने आईपीएल समिति को एक धमकी भरा खत भेजा था जिसमें वहां के मौलवियों ने आईपीएल के दौरान नाचने वाली चेयर लीडर लड़कियों को बुर्का फहनने की सलाह दी थी। उनके प्रवक्ता ने बताया था कि शर्म आंखों से होती है और बदनामी सूरत से, इसी लिये ये चीयर लीडर नीचे कुछ पहने या न पहने चेहरे पर बुर्का जरूरी है।
क्रिकेट भारत का खेल नहीं है परन्तु क्रिकेट के नशे ने समूची गरीब दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। दरअसल अब क्रिकेट की मालकियत सामन्तवाद के हाथ से निकलकर उद्योग जगत के हाथ पहुँच गयी है तथा देश व दुनिया के उद्योग जगत ने अपने सबसे बड़े अस्त्र मीडिया के माध्यम से क्रिकेट को ऐसे नशे में बदल दिया है, जिससे बच पाना अब भारत व एशिया के गरीब मुल्को को संभव नहीं दिखता।
आईपीएल और विवाद
1.भज्जी ने जड़ा श्रीसंत को थप्पड़-
आईपीएल 2008 में 26अप्रैल को मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन के बीच मैच का रोमांच चरम पर था। तेज गेंदबाज श्रीसंत ने अचानक विकेट लेकर मैच का रुख अपनी ओर मोड़ लिया लेकिन वे अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और मुंबई के खिलाडिय़ों को चिढ़ाने लगे। मैच हारने के बाद भी श्रीसंत ने ऐसी हरकत की तो मुंबई के हरभजन आगबूबला हो गए और श्रीसंत पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। हरभजन को लीग के शेष मैचों के लिए सस्पेंड कर दिया गया लेकिन बोर्ड के हस्तक्षेप के बाद उनके बैन को 5 मैचों तक सीमित कर दिया गया।
2. चीयरगर्ल्स की ड्रेस पर बवाल-
दर्शकों को भरपूर मनोरंजन देने के लिए आईपीएल के मैचों के दौरान चीयरगर्ल्स का कॉन्सेप्ट लाया गया। एनबीए लीग की तर्ज पर हर मैच में चौके छक्के लगने या विकेट गिरने पर संबंधित टीमों की ओर से चीयरगर्ल्स मोहक अदाओं में डांस कर दर्शकों का मनोरंजन करने लगी। लेकिन जल्छ ही इस पर बवाल खड़ा हो गया। चीयरगर्ल्स के बेहद कम कपड़ों पर कई लोगों ने आंखें तरेरी और जयपुर व मुंबई में उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया। कुछ नेताओं को भी चीयर करने का यह अंदाज नागवार गुजरा। इसी बवाल को देखते हुए आईपीएल के दौरान जयपुर व पुणे प्रशासन ने निर्देश दिए हैंैं कि चीयरगर्ल्स पारंपरिक ड्रेस मेंं रहें। साल 2009 में मोहाली में मैच के दौरान ब्रिटेन की कुछ चीयरगर्ल्स ने विजक्राफ्ट कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि उन पर नस्लभेदी टिप्पणी की गई और उनके रंग के कारण स्टेडियम में नहीं घुसने दिया गया।
3. सुरक्षा कारणों से जाना पड़ा अफ्रीका -
आईपीएल-1 का सफलतापूर्वक आयोजन करने के बाद आईपीएल-2 में भी दर्शकों का ऐसा ही समर्थन मिलने की उम्मीद थी लेकिन देश में हो रहे आम चुनावों के कारण सरकार ने लीग को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार कर दिया। इस कारण लीग को देश से बाहर ले जाने का विकल्प ही बचा था। लीग के आयोजकों ने ललित मोदी के नेतृत्व में जल्द ही सारा इंतजाम किया और आईपीएल-2 को साउथ अफ्रीका में सफलतापूर्वक आयोजित किया।
4- पाक के खिलाडिय़ों को बाहर का रास्ता-
आईपीएल के पहले सीजन में पाकिस्तान के कई खिलाड़ी शामिल हुए थे। लेकिन मुंबई पर आतंकी हमले के बाद स्थितियां बदली और दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। पीसीबी ने अपने खिलाडिय़ो ंको भारत न जारने की हिदायत दी तो आईपीएल में खिलाड्यि़ों की बोली के दौरान किसी भी टीम ने पाक खिलाडिय़ों को शामिल नहीं किया। यह सिलसिला तीसरे संस्करण तक भी जारी रहा। आईपीएल-4 के लिए फिर से लगी बोली में भी पाकिस्तानी खिलाडिय़ों को पूल में शामिल नहीं किया गया।
5.केकेआर में कप्तान,कोच व मालिक में आरपार-
कोलकाता नाइटराइडर में पहले सीजन से कोच कप्तान व मालिक के बीच मतभेद खुलकर सामने आए। टीम के कोच जॉन बुचनन के कहने पर मालिक शाहरुख खान ने दादा को कप्तानी से हटा दिया। बुचनन ने टीम के लिए एक से ज्यादा कप्तानों का फॉर्मूला सुझाया जिसे दादा ने खारिज कर दिया। शाहरुख को तगड़ा झटका उस वक्त लगबा जब उन्होंने सौरव से कहा कि वे पश्चिम बंगाल सरकार से फ्रेंचाइजी को टैक्स में छूट दिलाने की बात करें लेकिन दादा ने इसे ठुकरा दिया। इसके बाद दोनों में कुछ दिनों तक मनमुटाव रहा। इसका नतीजा आईपीएल-4 के लिए नीलामी के दौरान देखने को मिला जब शाहरुख ने दादा को रीटेन नहीं किया। इसके बाद भी दादा को किसी टीम ने नहीं खरीदा। हालांकि शाहरुख ने दादा को टीम का मेंटर बनने का प्रस्ताव दिया लेकिन दादा ने इसे भी ठुकरा दिया।
6- घोटालों के बाद ललित मोदी की छुट्टी-
आईपीएल को नई ऊंचाइयों और सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले आईपीएल के पूर्व कमिश्नी ललित मोदी को करोड़ों के घोटालों के आरोप में लीग से हाथ धोना पड़ा। मोदी पर आरोप हैं कि उन्होंने लीग में करोड़ों की धांधली की है। इसके बाद आयकर विभाग ने कर न चुकाने के आरोप में मोदी का पीछा किया। मोदी इस सबसे बचते बचाते फिरते रहे। इस बीच मोदी को आईपीएल और बीसीसीआई से हटाने की पूरी तैयारी हो गई। मोदी को 25 अप्रैल 2010 को फाइनल मैच के बाद आईपीएल चेयरमैन के पद से निलंबित कर दिया गया।
मोदी ने ट्वीट कर खुलासा किया कि कोच्चि फ्रेंचाइजी को खरीदने के लिए रॉन्देवू स्पेार्टस के साथ केंद्र सरकार में मंत्री रहे शशि थरूर का समर्थन प्राप्त है। और थरूर अपनी गर्लफ्रेंड सुनंदा पुष्कर को टीम का शेयर दिलाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस से बौखलाए थरूर ने भी ट्वीट कर जवाब दिया कि मोदी उनकी विरोधी कंसोर्टियम को फ्रेंचाइजी खरदने में मदद कर रहे हैं। इसी दौरान मोदी पर करोड़ों की धांधली वित्तीय जालसाजी और कर से बचने के आरोप भ्ज्ञी लगे। उनके खिलाफ कई एजेंसियों ने जांच शुरू कर दी। बीसीसीआई के साथ उनका मामला अभी तक कोर्ट में लंबित पड़ा है।
7. कोच्चि पर विवाद, थरूर से छिना मंत्री पद-
कोच्चि फ्रेंचाइजी अस्तित्व में आने से पहले ही विवादों में घिरी रही। रॉन्देवू स्पोर्टस को फ्रेेंचाइजी की बिड जीतने में एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा और यह आरोप लगा कि केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कोच्चि को बिड जिताने में मदद की। थरूर पर आरोप लगा कि उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड सुनंदा पुष्कर को फ्री इक्विटी दिलाने की भी कोशिश की। काफी विवादों के बाद सुनंदा ने फ्री इक्विटी लौटा दी थी।
कोच्चि का विवाद यहीं नहीं थमा। झगड़ा अब रॉन्देवू स्पोर्टस के मालिक गायकवाड़ परिवार और कोच्चि के अन्य शेयरधारकों के बीच था। जिस कारण फ्रेंचाइजी एक कॉरपोरेट निगम के रूप में गठित नहीं हो सकी। इस बीच बीसीसीआई और आईपीएल गवर्निंग काउंसलि ने कोच्चि को तमाम विवाद सुलझाने के लिए 30 दिन का समय दिया। साथ ही कोच्चि को चेतावनी दी कि अगर तक तक कोई हल नहीं निकलता तो उसे आईपीएल से बाहर कर दिया जाएगा। हालांकि समय रहते कोच्चि के शेयरधारको ंके बीच विवाद काफी सुलझ गया था और रॉन्देवू को फ्री इक्विटी अन्य साथियों में बांटनी पड़ी।
8. रॉयल्स और किंग्स पर लटकी तलवार-
आईपीएल-1 की चैंपियन राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब बीसीसीआई ने दोनों टीमों के आईपीएल -4 में शामिल होने पर रोक लगा दी। बीसीसीआई ने मालिकाना हक और शेयरहोल्डिंग के नियमों का उल्लंघन करने, कर न चुकाने व बोर्ड का उसकी फीस न चुकाने के आरोप में आईएल-4 से निलंबित कर दिया। हालांकि दोनों टीमों ने बाद में कोर्ट की शरण आर बॉबे हाईकोर्ट के दखल के बाद दोनो टीमों को आईपीएल-4 में शामिल होने की सशर्त इजाजत मिली। दोनों टीमों को आईपीएल-4 के लिए लगने वाली खिलाडिय़ों की बोली में सीमित पैसा खर्च करने का अधिकार था।
राजस्थान रॉयल्स आयकर न चुकाने के आरोप में भी आयकर विभाग के निशाने पर रही तो किंग्स इलेवन खिलाडिय़ों का बकाया न चुकाने व बोर्ड की फीस न भरने के आरोप में उसकी फजीहत हुई। दोनों टीमों में शेयरीहोल्डिंग को लेकर भी काफी विवाद हुआ।
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