विनोद उपाध्याय
मध्यप्रदेश को स्वर्णिम प्रदेश बनाने के नाम पर राज्य में जमीनों की बंदरबाट मची हुई है। सरकार ने अपनों के साथ-साथ उद्योगपतियों को प्रदेश की बेशकीमती जमीनों को कौडिय़ों के भाव बांट दिया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट को आवंटित 20 एकड़ भूमि का आवंटन गैरकानूनी बताते हुए रद किए जाने के बाद सरकार की नींद उड़ गयी है। ट्रस्ट को यह जमीन 2004 में उमा भारती सरकार ने बहुत सस्ती कीमत पर आवंटित की थी। इस ट्रस्ट में लालकृष्ण आडवाणी, वेंकैया नायडू, संजय जोशी और कैलाश जोशी जैसे भाजपा के कई वरिष्ठ नेता ट्रस्टी हैं। मालूम हो कि ट्रस्ट को 25 लाख रुपये पर भोपाल में बावडिय़ा कला गांव में 20 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी जबकि जमीन की वास्तविक कीमत करोड़ों में थी।
कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट को रियायती दर पर भूमि देने के मामले में भले ही प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को सुप्रीम कोर्ट का झटका लगा हो, लेकिन प्रदेश में रेवड़ी की तरह महज एक रुपए के भाड़े पर बेशकीमती जमीनों की खैरात बांटने का रिवाज पुराना है। प्रदेश में दस साल तक राज करने वाले दिग्विजय सिंह ने अपने शासनकाल में सबसे ज्यादा मुफ्त जमीनें बांटी तो प्रदेश में पांच साल पूरे कर चुके शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2009 तक केवल दो प्रकरण में मुफ्त जमीन दी है।
ठाकरे ट्रस्ट को 25 लाख रुपए में 20 एकड़ जमीन देने के अपने फैसले को सही साबित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामा इसका खुलासा करता है। प्रमुख सचिव राजस्व अनिल श्रीवास्तव ने अदालत में एक रुपए सालाना लीज रेंट और बिना किसी प्रीमियम के आवंटित जमीनों की लिस्ट पेश की थी। इसमें बताया गया कि वर्ष 1982 से 2009 तक 69 संस्थाओं को प्राइम लोकेशन की जमीन महज एक रुपए के किराए पर दी गई है। ठाकरे ट्रस्ट के सचिव कैलाश जोशी कहते हैं कि ट्रस्ट ने आवेदन के समय की सरकारी दर पर जमीन मांगी थी। भाजपा जिला कार्यालयों के लिए भी पार्टी ने जमीन के लिए पैसा चुकाया है, लेकिन कांग्रेस के समय तो मुफ्त में जमीन बांटने की परंपरा थी।
यही नहीं प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार ने प्रदेश में उद्योगों को स्थापित करने के नाम पर 40 उद्योगपतियों को 71 हजार एकड़ से ज्यादा सरकारी जमीन बांटकर उपकृत कर चुकी है। यह जमीन औद्योगीकरण के साथ-साथ गैर वन पड़त भूमि के विकास के बहाने भी दी गई है। अद्योसंरचना विकास और औद्योगिकीकरण के नाम पर हुए इस जमीन आवंटन से सरकार के खजाने में चंद रुपयों से ज्यादा कुछ जमा नहीं हो पाया है। लंबी अवधि की लीज पर सिर्फ एक रुपए के न्यूनतम लीजरेंट पर जमीनों का आवंटन भी हुआ है।
यह जमीनें पिछले सालों के दौरान बांटी गर्इं हैं। पिछले तीन चार सालों में सबसे ज्यादा जमीनें आवंटित हुई हैं। राज्य की शिवराज सरकार पांच सालों से देश-विदेश के निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित कर प्रदेश की तरफ उनका रुझान बढ़ाने तरह-तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इसके लिए अब तक 21 इन्वेस्टर्स मीट हो चुकी हंै जिनमें हुए औद्योगिक करारों तहत उद्योगपतियों को जमीनें बांटी गर्इं हैं। हालांकि उद्योगों को भूमि आवंटन के लिए उद्योग विभाग की संस्था ट्रायफेक ने नियम बनाए हैं, जिनकी कसौटी पर परखने के बाद जमीनें आवंटित की हैं, लेकिन निवेश बढ़ाने हजारों एकड़ जमीन आवंटन से सरकारी खजाने की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। दरअसल, सरकार ने अधिकांश उद्योगपतियों को मुफ्त के भाव जमीनें इस उम्मीद पर दे दी हैं कि उद्योग स्थापित होने के बाद इसका लाभ प्रदेश को मिलेगा, लेकिन इसी उम्मीद के बीच उद्योगपतियों के साथ अब तक हुए 432 करारों में से 111 करार निरस्त हो चुके हैं। इससे सरकार की मंशा पर सवाल भी उठने लगे हैं।
प्रदेश में उद्योग लगाने के नाम पर बीते साल नवंबर तक देश भर के और कुछ विदेशों के 3096 निवेशकों ने सरकार के सामने जमीन आवंटित के आवेदन प्रस्तुत किए थे। इनमें निजी निवेश के लिए भूमि आवंटन के लिए 1594 आवेदन आए जिसमें से चुनिंदा 40 उद्योगतियों को 71 हजार 385.98 एकड़ (28889 हेक्टेयर) गैर वन पड़ भूमि आवंटित की है। दो हेक्टेयर की सीमा में कृषि परिवर्तनीय भूमि के आवंटन के लिए सरकार को 1502 आवेदन मिले, जिसमें से 22 आवंटितियों को 1667.95 एकड़ (675 हेक्टेयर) जमीन दी गई। प्रदेश में 4 लाख 74 हजार 78 हेक्टेयर गैर वन पड़त भूमि चिन्हित की गई है जिमसें से 92 हजार 465 भूमि परिवर्तनीय रूप में वर्गीकृत की गई है।
राजस्व विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश को स्वर्णिम बनाने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परिकल्पना में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए भूमि उपलब्ध कराना प्रमुख है। इस दृष्टि से विभाग ने प्रदेश में स्थापित होने वाले लगभग सभी वृहद, मध्यम एवं लघु उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराई है। विभाग का कहना है कि इस काम को विभाग ने उच्च प्राथमिकता और विशेष तत्परता से किया है। अद्योसंरचना निर्माण में लोक प्रयोजन के लिए भूमि उपलब्ध कराना उसका लक्ष्य रहा है। भू-अर्जन समिति की बैठकों के माध्यम से विभाग द्वारा जमीन आवंटन करके औद्योगीकरण को गति प्रदान की गई है।जमीन बांटने के मामले में राज्य सरकार हिंडाल्को और रिलायंस समूह के अलावा जयप्रकाश एसोसिएट्स पर जमकर मेहरबान है। इन तीनों औद्योगिक समूहों को ही सरकार साढ़े तीन हजार एकड़ से ज्यादा जमीन बांट चुकी है।
राज्य सरकार ने हिंडाल्को कंपनी के विभिन्न प्रोजेक्ट के नाम पर कुल 1847.64 एकड़, रिलायंस इण्डस्ट्रीज को 1344.615 एकड़ और जयप्रकाश एसोसिएट्स को 333.34 एकड़ जमीन आवंटित कर चुकी है। हिंडाल्को ने प्रदेश में छह परियोजनाओं के नाम पर इतनी जमीन ली है तो रिलायंस इण्डस्ट्रीज के सासन पॉवर प्रोजेक्ट के लिए आठ बार अलग-अलग जमीन आवंटित की गर्इं हैं। इसके अलावा रिलायंस कंपनी ने प्रदेश में अपना निजी हवाई अड्डा बनाने के लिए भी सरकार के जमीन ली है। जयप्रकाश एसोसिएट्स (जेपी ग्रुप) भी ने पॉवर, सीमेंट, मिनरल्स सहित अन्य आठ प्रोजेक्ट के नाम पर जमीन हथियाई है।
अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्री रहते ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के लिए राजधानी में 1.18 एकड़ जमीन केवल एक रुपए के लीज रेंट पर दी गई थी। इसके बाद भाजपा ने अपने कार्यालय के लिए जमीन मांगी तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के समय पार्टी से एक लाख रुपए जमा करने को कहा गया। वोरा के बाद सीएम बने अर्जुन ने यह कहते हुए भाजपा को भी एक रुपए किराए पर 1.50 एकड़ जमीन अलाट की कि कांग्रेस को मिल सकती है तो भाजपा को क्यों नहीं। उनके कहने पर भाजपा ने पचास साल के लिए एकमुश्त 50 रुपए किराया जमा कर जमीन हासिल की। बाद में पटवा ने भाजपा कार्यालय की भूमि का स्थान बदला।
किसे कितनी भूमि
अधोसंरचना निर्माण के लिए
कंपनी आवंटित भूमि (हेक्टेयर)
हिंडाल्को कंपनी 23.77
सासन पॉवर लिमिटेड 28.43
महेश्वर हाईड्रल पॉवर कार्पो. 0.462
न्यू जोन इंडिया लिमि. 476.788
एसजेके पॉवरजोन 30.960
सासन पॉवर लिमिटेड 44.48
मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी 0.539
महेश्वर हायड्रल पॉवर कार्पो. 4.67
जय प्रकाश एसोसिएट्स 34.231
हिण्डाल्को कंपनी 25.96
ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमि. 7.681
पॉवर ग्रिड कार्पो. 25.50
आर्यन कोल एमपी लिमिटेड 12.800
महेश्वर हायड्रल पॉवर कार्पो. 136.954
औद्योगिकीकरण के लिए
सासन पॉवर लिमिटेड 128
हिंडाल्को 547
महेश्वर हाईड्रल पॉवर परि. 12.2
ईरा इन्फ्रा लिमिटेड उमरिया 126
सासन पॉवर सिंगरौली 198
झाबुआ पॉवर सिवनी 19.4
जेपी मिनरल्स, सिंगरौली 36.7
महान कोल 5.4
जेपी सीमेंट 1.96
मोजरबेयर अनूपपुर 70.2
झाबुआ पॉवर 69.2
सांघी इंडस्ट्रीज 230
एस्सार पॉवर 186
आर्यन कोल 10.92
महेश्वर हायड्रल पॉवर 12.204
जेपी पॉवर वेंचर्स 0.720
महान कोल लिमिटेड 2.68
सासन पॉवर लिमिटेड 9.749
हिंडाल्को कंपनी 74.96
छिंदवाड़ा प्लस 242.019
एसईसीएल 14.450
सांघी एनर्जी 133.981
आर्यन कोल लिमिटेड 45.13
न्यू जोन इंडिया लिमिटेड 39.776
जयप्रकाश पॉवर वेंचर्स 25.500
जयप्रकाश पॉवर वेंचर्स 28.303
रिलायंस हवाई अड्डा हेतु 63.951
हिंडाल्को कंपनी 62.86
सासन पॉवर लिमिटेड 3.65
मप्र सैनिक कोल माइंस लिमि. 31.48
सासन पॉवर लिमिटेड 11.290
जय प्रकाश पॉवर वेंचर्स 4.047
एस्सार पावर लिमिटेड 1.09
रिलायंस इण्डस्ट्रीज लिमिटेड 3.529
सासन पॉवर लिमिटेड 53.070
हिंडाल्को लिमिटेड 13.17
एसकेएम लिमिटेड 101.076
एक रुपए में बंटी करोड़ों की जमीनें
इन्हें मिला बंटरबांट का लाभ
मिशनरी आफ चेरिटी भिलाई, कांग्रेस कमेटी भोपाल, मिशनरी ऑफ चेरिटी रायपुर, जन विकास न्यास ग्वालियर, मिशनरी ऑफ चेरिटी इंदौर, ओम श्री श्री माता आनंदमयी आश्रम इंदौर, भृगु समाज भोपाल, महावीर चेरिटेबल मेडिकल एण्ड आर्गनाइजेशन दमोह, अंजुमन इस्लामिया मुस्लिम ट्रस्ट अंबिकापुर, झरनेश्वर महादेव मंदिर बाणगंगा भोपाल, अंध बालिका विद्यालय देवास, एसओएस चिल्ड्रन विलेज भोपाल, महावीर ट्रस्ट इंदौर, ताजुल मसाजिद भोपाल, श्री रामकृष्ण सदिच्छा भजन मंडल भोपाल, श्री रामकृष्ण आश्रम जबलपुर, आनंदमयी तपोभूमि आश्रम खंडवा, श्री रामकृष्ण आश्रम भोपाल, रामकृष्ण आश्रम ग्वालियर, भारतीय जनता पार्टी, बाल निकेतन संघ इंदौर, सत्यानंद योग आश्रम बैतूल, उज्जैन चेरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, गहोई समाज भोपाल, मप्र हिंदी साहित्य सम्मेलन भोपाल, परमानंद पब्लिक ट्रस्ट अंबिकापुर, वर्किंग वूमेन एसोसिएशन भोपाल, पीतांबरा पीठ दतिया, झरनेश्वर मंदिर बाणगंगा भोपाल,संत आशाराम आश्रम इंदौर, आचार्य श्री विद्यासागर गौ संवर्धन केंद्र सागर, क्षेत्रीय माली सैनी समाज भोपाल, नाना साहेब स्मृति धर्मार्थ चिकित्सालय रायपुर, मिशनरी ऑफ चेरिटी भोपाल, मिशनरी ऑफ चेरिटी रायपुर, राजपूत समाज ट्रस्ट इंदौर, दाताबंदी छोड़ गुरुद्वारा समिति ग्वालियर, श्री दिंगबर जैन पुष्पदंत श्रवण संस्कृति न्यास इंदौर, कबीर स्मारक लुनियाखेड़ा उज्जैन, रामकृष्ण आश्रम जशपुर, हबीब तनवीर नया थियेटर भोपाल, श्री दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र सोनागिरी दतिया, अध्यक्ष भोपाल किरार क्षत्रिय समाज, अध्यक्ष बघेलखण्ड समाज विकास समिति, पुरुषोत्तम सूरदास रामायणी मानस मंडल, मंदसौर इंस्टीट्यूट टेक्नॉलाजी मंदसौर,अखिल भारतीय पाल महासभा भोपाल, मीना समाज सेवा संगठन भोपाल।
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